ई-केवाईसी कर चुके ग्राहक को बैंक सत्यापन के लिए न बुलाएं: आरबीआई
punjabkesari.in Wednesday, Dec 07, 2022 - 07:46 PM (IST)
मुंबई, सात दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि यदि ग्राहक ने ई-केवाईसी करा लिया है या फिर ‘अपने ग्राहक को जानें (केवाईसी)’ प्रक्रिया को सी-केवाईसी पोर्टल पर पूरा कर लिया गया है तो बैंकों को उन्हें शाखा के स्तर पर सत्यापन और सूचना अद्यतन करने के लिए नहीं कहना चाहिए।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बैंकों के जो ग्राहक केवाईसी सत्यापन ऑनलाइन तरीके से पूरा कर लेते हैं, वे प्रति वर्ष जानकारी में बदलाव और व्यक्तिगत विवरण में परिवर्तन भी ऑनलाइन तरीके से कर सकते हैं।
दास ने कहा कि बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर सत्यापन या जानकारी अद्यतन करने के लिए शाखा में आने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अपने केवाईसी विवरण को सी-केवाईसी पोर्टल पर अपलोड कर चुके ग्राहकों को भी सत्यापन के लिए बैंक में आने को नहीं कहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राहक अपनी पंजीकृत ईमेल आईडी या मोबाइल से बैंक को ईमेल या संदेश भेजकर कह सकता है कि वे सी-केवाईसी पोर्टल से उनके केवाईसी विवरण ले लें।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि बैंकों के शाखा स्तर पर इस बारे में जागरूकता की कमी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक नियमित तौर पर बैंकों से कहता है कि वे इस तरह के विवरण के लिए ग्राहकों को परेशान न करें।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि बैंकों के जो ग्राहक केवाईसी सत्यापन ऑनलाइन तरीके से पूरा कर लेते हैं, वे प्रति वर्ष जानकारी में बदलाव और व्यक्तिगत विवरण में परिवर्तन भी ऑनलाइन तरीके से कर सकते हैं।
दास ने कहा कि बैंकों को ऐसे ग्राहकों पर सत्यापन या जानकारी अद्यतन करने के लिए शाखा में आने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अपने केवाईसी विवरण को सी-केवाईसी पोर्टल पर अपलोड कर चुके ग्राहकों को भी सत्यापन के लिए बैंक में आने को नहीं कहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्राहक अपनी पंजीकृत ईमेल आईडी या मोबाइल से बैंक को ईमेल या संदेश भेजकर कह सकता है कि वे सी-केवाईसी पोर्टल से उनके केवाईसी विवरण ले लें।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर ने कहा कि बैंकों के शाखा स्तर पर इस बारे में जागरूकता की कमी है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक नियमित तौर पर बैंकों से कहता है कि वे इस तरह के विवरण के लिए ग्राहकों को परेशान न करें।
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