रिजर्व बैंक ने भगत शहरी सहकारी बैंक, सोलन पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
punjabkesari.in Wednesday, Aug 25, 2021 - 09:48 PM (IST)

मुंबई, 25 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि उसने हिमाचल के सोलन स्थित भगत शहरी सहकारी बैंक पर एनपीए वर्गीकरण से संबंधित मानदंडों सहित कुछ नियमों का उल्लंघन करने पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई ने एक अन्य बयान में कहा कि उसने केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने पर नई दिल्ली स्थित दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च 2019 को अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर भगत शहरी सहकारी बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट में एनपीए की पहचान न करने, संपत्ति के गलत वर्गीकरण, अपर्याप्त प्रावधानों सहित निर्देशों का पालन न करने या उल्लंघन करने का पता चला।
इसके बाद सहकारी बैंक को नोटिस जारी कर पूछा गया था कि उक्त निर्देशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना क्यों न लगाया जाए। सहकारी बैंक के जवाब और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद यह जुर्माना लगाया गया।
आरबीआई ने कहा कि दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट में विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) जोखिम सीमा का पालन न करने का खुलासा हुआ।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि दोनों मामलों में लगाया गया जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन से संबंध नहीं है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
आरबीआई ने एक अन्य बयान में कहा कि उसने केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कुछ निर्देशों का पालन न करने पर नई दिल्ली स्थित दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरबीआई ने कहा कि 31 मार्च 2019 को अपनी वित्तीय स्थिति के आधार पर भगत शहरी सहकारी बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट में एनपीए की पहचान न करने, संपत्ति के गलत वर्गीकरण, अपर्याप्त प्रावधानों सहित निर्देशों का पालन न करने या उल्लंघन करने का पता चला।
इसके बाद सहकारी बैंक को नोटिस जारी कर पूछा गया था कि उक्त निर्देशों के उल्लंघन के लिए जुर्माना क्यों न लगाया जाए। सहकारी बैंक के जवाब और मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद यह जुर्माना लगाया गया।
आरबीआई ने कहा कि दिल्ली नागरिक सहकारी बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट में विवेकपूर्ण अंतर-बैंक (सकल) जोखिम सीमा का पालन न करने का खुलासा हुआ।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि दोनों मामलों में लगाया गया जुर्माना नियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन से संबंध नहीं है।
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