ये कैसी लाचारी, 3 घंटे तक कचरा इकट्ठा कर जलाई पत्नी की चिता!

punjabkesari.in Monday, Sep 05, 2016 - 03:43 PM (IST)

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में आदिवासी समुदाय के एक शख्स काे पैसे नहीं हाेने के कारण पत्नी की चिता टायर, कागज, प्लास्टिक और झाड़ियों से जलानी पड़ी। इंदौर से करीब 275 किलोमीटर दूर रतनगढ़ गांव में रहने वाले जगदीश भील कई घंटों तक पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए कचरा जमा करता रहे। इस दाैरान लाेगाें ने उन्हें शव को नदी में प्रवाहित करने तक की सलाह दी। 

3 घंटे तक जमा करते रहे कचरा

जगदीश ने बताया कि उनकी पत्नी नोजीबाई का शुक्रवार सुबह निधन हुआ था। अंतिम संस्कार के लिए वे रतनगढ़ गए, जहां ग्राम प्रधान ने कहा कि पारची' के लिए 2,500 रुपए लगते हैं और उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं हैं। कई लोगों से मदद मांगने के बाद भी जब जगदीश काे निराशा हाथ लगी, ताे उनके परिवार और कुछ मित्रों ने तीन घंटे तक कचरा जमा कर दाह संस्कार किया। 

पति काे है ये अफसाेस
जगदीश का का कहना है कि उन्हें इस बात की पीड़ा है कि उनकी पत्नी जीवन भर घर चलाने के लिए जंगल से लकड़ी जमा करती रही, लेकिन जब वह मरी तो वह उसकी चिता के लिए भी लकड़ी जमा ना कर सका। नीमच के कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव ने घटना को अफसोसजनक बताते हुए मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के अादेश दिए है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News