पवित्रा एकादशी व्रत कल: ये है महत्व, पूजन विधि और पारण समय

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2016 - 09:14 AM (IST)

सावन मास के शुक्ल पक्ष की पवित्रा एकादशी पुत्रदा एवं पापनाशिनी एकादशी के नाम से प्रसिद्ध है। इस बार यह एकादशी व्रत 14 अगस्त को है। पुत्र प्राप्ति की कामना से इस व्रत को किया जाता है तथा व्रत के प्रभाव से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और संसार के सभी सुखों को भोगता हुआ अंत में प्रभु के धाम को प्राप्त करता है। 
पुत्र प्राप्ति की कामना करने वाले 14 अगस्त 2016 को करें ये व्रत 
कैसे करें पूजन
प्रात: सूर्य निकलने से पूर्व उठकर स्नान करें और भगवान श्री केशव जी का तुलसी दल और तुलसी की मंजरियों से धूप, दीप, नेवैद्य, फल और फूलों से पूजन करें। एकादशी रविवार को होने के कारण सूर्य देवता को जल चढ़ाना अति उत्तम कर्म है। पूजन के पश्चात ब्राह्मणों को यथा शक्ति दान और दक्षिणा देकर श्री हरिनाम संकीर्तन करें। एक समय फलाहार करने से व्रत सम्पन्न होता है। प्रात: व सायं तिल के तेल से दीपक जलाना चाहिए। द्वादशी के दिन यानी 15 अगस्त को नहा-धोकर प्रभु का पूजन करने के उपरांत ब्राह्मण को भोजन करवा कर स्वयं भोजन करें तथा गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। 
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रविवार को एकादशी में कैसे करें तुलसी पूजन
रविवार को एकादशी होने पर कर्मकांड के अनुसार तुलसी का स्पर्श, सींचन और पूजन करना उचित नहीं है परंतु चैतन्य गौड़ीय मठ के अनुसार तुलसी मंजरियों से पूजन करने पर प्रभु प्रसन्न होते हैं, इसलिए भक्ति को श्रेष्ठ मानते हुए रविवार को भी तुलसी पूजन किया जाना उचित है।
 
क्या कहते हैं विद्वान
महात्मा अमित चड्ढा के अनुसार किसी भी व्रत में उसका पारण अगले दिन समय पर होना चाहिए तभी व्रत सम्पन्न होता है क्योंकि नियम के अनुसार किया गया कर्म ही शुभ फलदायक होता है। पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 15 अगस्त को प्रात: 9.33 से पहले किया जाना चाहिए।
 
वीना जोशी

veenajoshi23@gmail.com 


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