अमरीका, चीन के बीच 250 अरब डॉलर के व्यापार सौदों पर हस्ताक्षर

punjabkesari.in Thursday, Nov 09, 2017 - 10:19 PM (IST)

बीजिंग: अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहली चीन यात्रा में मेजबान कम्युनिस्ट देश ने उसके साथ गुरुवार को 250 अरब डॉलर से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए। दोनों देशों के बीच व्यापार चीन के पक्ष में बहुत अधिक झुका है और अमरीकियों की ओर से चीन पर व्यापार व्यापार में अनुचित तरीके अपनाने के आरोप लगते रहे हैं।

डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में इन सौदे पर हस्ताक्षर किए गए। इस यात्रा में शी और ट्रंप ने अमरीका-चीन के संबंधों के बारे में विचार-विमर्श किया। बैठक के बाद जारी बयान में दोनों नेता द्विपक्षी संबंधों के बारे में अनुकूल बाते कहीं है ओर कहा है कि दोनों देश अपसी मतभेदों को अलग रख कर आपस में सहयोगपूर्ण भागीदारी करेंगे।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, कि हम चीन के साथ जीवंत व्यापारिक रिश्ता चाहते हैं। हम एक निष्पक्ष और पारस्परिक व्यापारिक रिश्ता चाहते हैं। आज, मैंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हमारे रिश्ते में लंबे समय से चल रहे असंतुलन पर बात की। अपनी यात्रा के पहले, ट्रंप ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार में अमरीका के प्रतिकूल भारी व्यापार घाटा शर्मनाक है और उन्होंने चीन पर दबाव बनाते हुए कहा था कि उसे अपना बाजार अमरीकी उत्पादों और कंपनियों के लिए खोलना चाहिए।

अमरीका के व्यापारिक आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में वैश्विक स्तर पर अमरीका और चीन के बीच व्यापार 648.2 अरब डॉलर होने का अनुमान लगाया था, जिसमें चीन का निर्यात 478.9 अरब डॉलर रहा जबकि अमरीका का चीन को निर्यात 169.3 अरब डॉलर रहा था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी टिप्पणी में अमेरिका-चीन संबंधों पर सौहार्दपूर्ण विचार पेश करते हुए द्विपक्षीय मतभेद को हल करने पर जोर दिया है।

शी ने कहा कि दो विशिष्ट देशों के रूप में कुछ मुद्दों पर हमारे विचार अलग-अलग हो सकते हैं। यह स्वाभाविक है। उन मुद्दों को ठीक से संभाल और उनका प्रबंधन करना मुख्य है। अमरीकी और चीनी कंपनियों के बीच हुए सौदों में 300 बोइंग विमान की खरीद, अमरीका में बनी चिपसेट और सोयाबीन की खरीदी शामिल है। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक, चीनी और अमरीका कंपनियों ने ट्रम्प की यात्रा के दौरान 250 अरब डॉलर से अधिक के व्यापार और निवेश सौदे पर हस्ताक्षर किए। अन्य आधिकारिक मीडिया रपटों के मुताबिक यह आंकड़ा 253 अरब डॉलर है। 


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