नहीं दिया मैडीकल क्लेम, कम्पनी को देना होगा जुर्माना

punjabkesari.in Sunday, Jan 21, 2018 - 11:01 AM (IST)

चंडीगढ़ : फैमिली मैडिक्लेम पॉलिसी होने के बावजूद एक उपभोक्ता को क्लेम न देना इंश्योरैंस कम्पनी को महंगा साबित हुआ। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने सैक्टर-38 के डा. पंकज मदान की शिकायत पर द न्यू इंडिया इंश्योरैंस कम्पनी को सेवा में कोताही का दोषी ठहराते हुए उस पर 10,000 रुपए जुर्माना लगाया है।

क्या है मामला
डा. मदान ने बताया कि उन्होंने कम्पनी से 13 सितम्बर 2015 को फैमिली मैडिक्लेम पॉलिसी ली थी जो 12 सितम्बर 2016 तक वैलेड थी। यह इंश्योरैंस उन्होंने 6179 रुपए में करवाई थी, जिसमें 5 लाख रुपए तक का इंश्योरैंस कवर था। उनकी पत्नी को 28 मार्च 2016 को मैक्स हॉस्पिटल मोहाली में स्टेटस माइग्रेनस के चलते एडमिट किया गया। उनकी पत्नी को एडमिट किए जाने के बाद डा. मदान ने इंश्योरैंस कम्पनी को सूचित कर दिया।

पहले तो इंश्योरैंस कम्पनी ने कैशलैस ट्रीटमैंट देने से इंकार कर दिया लेकिन उन्हें सलाह दी कि ट्रीटमैंट के बाद रीइम्बर्समैंट के लिए क्लेम कर सकते हैं। उनकी पत्नी को 30 मार्च 2016 को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने अपनी पत्नी के इलाज का पूरा ब्यौरा देकर इंश्योरैंस कम्पनी को 52,815 रुपए के रीइम्बर्समैंट के लिए कहा लेकिन कम्पनी ने इंकार कर दिया। इस पर उन्होंने इंश्योरैंस कम्पनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में शिकायत दी।

यह कहा फोरम ने
इंश्योरैंस कम्पनी ने अपने जवाब में कहा कि शिकायतकत्र्ता ने सिर्फ  पैसों के लिए अस्पताल की मदद से मैडीकल क्लेम के लिए अप्लाई किया। हालांकि दोनों पक्षों की बहस के बाद कंज्यूमर फोरम ने डा. मदान की शिकायत को सही ठहराते हुए इंश्योरैंस कंपनी को 5215 रुपए का क्लेम दिए जाने के साथ 10,000 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा कम्पनी को 8,000 रुपए मुकद्दमा खर्च भी अदा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।


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