GST के बाद मानव निर्मित धागे, कपास वस्त्र के आयात में हुई भारी वृद्धि

punjabkesari.in Wednesday, Dec 13, 2017 - 11:26 AM (IST)

नई दिल्ली : जुलाई से वस्तु एवं सेवा (जी.एस.टी.) कर लागू होने के बाद से कपास धागे, मानव निर्मित धागे और मानव निर्मित रेशे के कपड़े (एम.एम.एफ.) के आयात में नाटकीय तौर पर भारी वृद्धि आई है। एक बयान में भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ (सिटी) ने कहा कि उसने वाणिज्य एवं कपड़ा मंत्रालयों से एम.एम.एफ . धागे, कपास धागे और एम.एम.एफ . कपड़ों पर आयात शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है ताकि विशेषकर बंगलादेश और श्रीलंका जैसे मुक्त व्यापार समझौतों वाले देशों की ओर से होने वाले सस्ते आयात के खतरे से स्थानीय धागे, कपड़े और परिधान उत्पादकों को बचाया जा सके।

एम.एम.एफ . यार्न का आयात जुलाई में बढ़कर एक करोड़ 49 लाख डॉलर हुआ
सिटी द्वारा सांझा किए गए आंकड़ों के अनुसार जुलाई, अगस्त और अक्तूबर के दौरान आयात में वृद्धि हुई लेकिन सितम्बर के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। एम.एम.एफ . यार्न का आयात जुलाई में बढ़कर एक करोड़ 49 लाख डॉलर का हो गया जो पिछले वर्ष इसी महीने में 89.2 लाख डॉलर रहा था। कपास कपड़ों के आयात में भी यही रुख दिखा जिसका आयात जुलाई में एक करोड़ 28.1 लाख डॉलर का हो गया जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 88.4 लाख डॉलर का हुआ था। एम.एम.एफ . कपड़े का आयात जुलाई 2016 के 63.6 लाख डॉलर के मुकाबले वर्ष 2017 के जुलाई में 82.7 लाख डॉलर रहा। अगस्त और अक्तूबर में भी कारोबार की यही स्थिति रही।

एम.एम.एफ. कपड़े पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत किया 
सिटी के अध्यक्ष संजय कुमार जैन ने कहा कि सरकार ने बाजार में बड़े पैमाने पर होने वाले आयात की समस्या और खतरे को पहचानते हुए हाल में एम.एम.एफ. कपड़े पर आयात शुल्क को 10 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि एम.एम.एफ . यार्न और कपड़े पर आयात शुल्क को पुरानी दरों पर बनाए रखा था।

सूती कपड़ा निर्यातक उत्साहित
ज्यादा श्रम लागत वाले क्षेत्रों के लिए मर्चैन्डाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एम.ई.आई.एस.) के प्रोत्साहनों की दर 2 प्रतिशत बढ़ाने के सरकार के फैसले का सूती कपड़ा निर्यातकों ने स्वागत किया है। सरकार ने विदेश व्यापार नीति 2015-20 की मध्यावधि समीक्षा की घोषणा करते हुए मंगलवार को कपड़ा उत्पादों सहित सभी निर्यात योग्य उत्पादों पर एम.ई.आई.एस. की दर 2 प्रतिशत बढ़ा दी।  


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News