शनि जयंति: कलयुग के देवता को खुश कर पाएं मनचाहा वरदान
punjabkesari.in Friday, Jun 03, 2016 - 12:51 PM (IST)
शनि जयंती के दिन शनि शांति के ऐसे कई उपाय हैं, जिनके द्वारा मनुष्य के सारे कष्ट दूर होते हैं। निम्नानुसार उपाय करने पर पीड़ित व्यक्ति के कष्ट दूर होकर उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शनि ग्रह किसी कार्य को देर से जरूर करवाते है परंतु यह भी सत्य है कि वह कार्य अत्यंत सफल होते हैं।
* शनि जयंती के दिन तेल में बनी खाद्य सामग्री का दान गाय, कुत्ते व भिखारी को करें।
* इस दिन विकलांग व वृद्ध व्यक्तियों की सेवा अवश्य करें।
* शनि जी का जन्म दोपहर या सायंकाल में है। विद्वानों में इसको लेकर मतभेद है। अतः दोपहर व सायंकाल में यथा संभव मौन रखें।
* शनि महाराज व सूर्य-मंगल से शत्रुतापूर्ण संबंध होने के कारण इस दिन सूर्य व मंगल की पूजा कम करनी चाहिए।
* जब कभी शनि जी की प्रतिमा को देखें, उस समय सावधानी रखें। कभी भी शनि देव की आंखों को न देखें।
* अपने माता-पिता का आदर-सम्मान करें।
* शनि के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए तिल का तेल एक कटोरी में लेकर उसमें अपना मुंह देखकर शनि मंदिर में रख आएं। तिल के तेल से शनि विशेष प्रसन्न रहते हैं।
* काली चीजें जैसे काले चने, काले तिल, उड़द की दाल, काले कपड़े आदि का दान नि:स्वार्थ मन से किसी गरीब को करें, शनिदेव प्रसन्न होंगे।
* नित्य प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ पर काले तिल व कच्चा दूध चढ़ाना चाहिए।
* यदि पीपल वृक्ष के नीचे शिवलिंग हो तो अति उत्तम होता है।
* सुंदरकांड का पाठ सर्वश्रेष्ठ फल प्रदान करता है।
* न तो नीलम पहने, न ही लोहे का बना छल्ला पहने। इसके पहनने से शनि का कुप्रभाव और बढ़ जाता है।
* पीपल की जड़ में केसर, चंदन, चावल, फूल मिला पवित्र जल अर्पित करें। तिल का तेल का दीपक जलाएं और पूजा करें।
* शनि को मनाने का सबसे अच्छा उपाय है कि हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें। हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार शनि किसी भी परिस्थिति में हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं।
पंडित विशाल दयानन्द शास्त्री
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