बच्चे के दांत और नाल में हैं चमत्कार, लोभ में आकर न करें यह उपाय

punjabkesari.in Monday, Jun 20, 2016 - 08:28 AM (IST)

आपके घर में प्रथम संतान यदि पुत्र जन्मा हो तो यह उपाय करें। ऐसे बच्चे का पहला दांत जो टूट कर धरती पर न गिरा हो, संभाल कर रख लें। किसी भी वीरवार को जिस दिन पुष्य नक्षत्र हो, उस दांत को धोकर किसी चांदी की डिबिया में बंद कर लें। यदि किसी के लिए चांदी की डिबिया खरीदना कठिन हो तो उस पर चांदी की पतली-सी पत्तर ही चढ़वा लें। इस दांत को सदा अपने बटुए अथवा जेब में रखें। इस दांत में धन वृद्धि करवाने का विलक्षण गुण होता है। माह में एक दिन, जिस नक्षत्र में बच्चे का जन्म हुआ हो, इस दांत को सूर्य देव के दर्शन करवाकर गंगा जल से धोकर तथा धूप-दीप दिखला कर पुन: बटुए अथवा जेब में रख लिया करें। यह उपाय उस दशा में ही फलीभूत होता है जबकि आपके पहले लड़के का दांत टूट कर धरती पर न गिर पाया हो। 

 

घर में जन्मे पहले पुत्र रत्न से अनेकों धनदायक उपाय किए जाते हैं। यहां उन उपायों का ही वर्णन किया जा रहा है जिनसे लेश मात्र भी किसी के अहित की संभावना न हो।

 

पहले पुत्र के दांत की तरह उसकी नाल भी बहुत प्रभावशाली फल देती है। बच्चे के पैदा होने के समय उसकी नाल मां के शरीर से काट कर अलग की जाती है। बच्चे की छठी के दिन उसका उतरा हुआ कोई भी एक वस्त्र लेकर यह नाल उस कपड़े में लपेट कर घर में कहीं भी सुरक्षित स्थान पर रख दें। जब भी घर से आप किसी अति आवश्यक कार्य के लिए निकलें तो नाल वाली पोटली भी धूप-दीप दिखा कर अपने साथ ले जाएं।

 

जो सज्जन अपने इष्ट सिद्धि हेतु यह पोटली साथ ले जाएं उस दिन विशेष कर वह किसी भी अनुचित कार्य, तामसिक खान-पान तथा अधिक व्यर्थ बोलने से सर्वथा बचें। कहीं भी वीरान स्थान, नदी, श्मशान, किसी वृक्ष के नीचे अथवा पवित्र स्थान पर लघु अथवा दीर्घशंका हेतु न जाएं। 

 

घर लौटने पर यह पोटली पुन: यथा स्थान पर रख दें। इसका प्रयोग जीवन के किसी महत्वपूर्ण विषय में ही करें। लोभ वश इसका अथवा किसी अन्य उपाय का उपयोग करना आपके स्वयं के ही पक्ष में नहीं होगा।


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