भाईचारे का सन्देश देने के लिए आंखों पर बांध ली पट्टी और लोगों से कहा कि मेरे साथ यह करो...

punjabkesari.in Tuesday, Dec 01, 2015 - 11:52 AM (IST)

जम्मू कश्मीर : देश में असहिष्णुता पर बढ़ती बहस के बीच शहर के बीचोंबीच एक कश्मीरी पंडित ने आंखों पर पट्टी बांधकर लोगों को उसे गले लगाने के लिए आमंत्रित किया। ताकि घाटी में विभिन्न समुदायों के बीच भाईचारा बहाल हो सके। पेरिस में आंखों पर पट्टी बांधकर लोगों को गले लगाने के लिए कहने वाले एक मुस्लिम से प्रेरित होकर पेशे से डॉक्टर संदीप मावा ने यहां लालचौक से सटे प्रेस कॉलोनी में खड़े होकर लोगों को उन्हें गले लगाने के लिए आमंत्रित किया। उनके साथ सिख और मुस्लिम समुदाय के सदस्य भी थे, जिन्होंने सभी धर्मों के लोगों को गले लगाकर सहनशीलता का संदेश दिया।


जम्मू कश्मीर रिकंसिलियेशन फ्रंट के अध्यक्ष मावा ने कहा, हम सभी इंसान एक जैसे हैं। जब भगवान ने हम में अंतर नहीं किया तो कोई विभाजन क्यों हो। किसी तरह की असहनशीलता नहीं होनी चाहिए। यही संदेश हम भेजना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि नेता और एजेंसी धर्म के आधार पर लोगों को विभाजित करें। हम किसी को कश्मीरियत को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे। हम नफरत भरे अभियानों का विरोध करते हैं। धर्म की राजनीति सही नहीं है।


मावा ने कहा कि नेताओं को कश्मीर की जनता को अकेले छोड़ देना चाहिए और लोगों को विभाजित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहाए ष्अगर वे अपने तरीके नहीं सुधारते तो कश्मीर में असैन्य क्रांति होगी।ष् उन्होंने केंद्र सरकार से कश्मीर मुद्दे पर ध्यान देने के लिए पाकिस्तान से बात करने को कहा और पड़ोसी देश को विवाद का एक पक्ष बताया।


डॉ. मावा ने कहा हमारे राज्य में भी अब असहिष्णुता नजर आने लगी है। हम नहीं चाहते कि यहां लोगों में सांप्रदायिक उन्माद पैदा होए लोग आपस में बंट जाएं और न हम किसी ताकत को ऐसा करने की इजाजत देंगे। हम किसी को भी कश्मीरियत को भंग नहीं करने देंगे। राजनीति में धर्म और धर्म के नाम पर राजनीति पूरी मानवता के लिए खतरा है। राजनीतिज्ञों से मेरी अपील है कि वह हम लोगों कोए जम्मू.कश्मीर के लोगों को अकेला छोड़ दें। अगर वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे तो कश्मीर में लोग उनके खिलाफ सडक़ों पर आ जाएंगे।


यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि गत दिनों पैरिस में आतंकी हमले के बाद जब वहां धार्मिक असहिष्णुता बढऩे की आशंका हुई तो एक मुस्लिम युवक ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए एक अभियान चलाया था। युवक वहां अपनी आंखों पर पट्टी बांध खड़ा हो गया और उसके साथ ही उसने लोगों से कहा कि वह एक मुस्लिम है और अगर आप उस पर विश्वास करते हैं ,तो उसे गले लगाएं। उसके इस अभियान को हग कैंपेन कहा गया। उसी से प्रेरित हो डॉ संदीप मावा ने कश्मीर में यह अभियान शुरू किया है।


कश्मीर समस्या का जिक्र करते हुए डॉ. संदीप मावा ने कहा कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। पाकिस्तान को विश्वास में लिए बगैर या उससे संवाद बनाए बिना कश्मीर में अमन नहीं हो सकता। वह कश्मीर समस्या का एक हिस्सा है।

 


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