पंजाबी भाषा को पाठ्यक्रम में शामिल न करने के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 12:51 PM (IST)

श्रीनगर : विभिन्न सिख संगठनों ने राज्य में पंजाबी भाषा को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल न किए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया। सिख संगठनों ने नैशनल हाईवे पर टायर जला यातायात ठप्प कर नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने पंजाबी भाषा के साथ भेदभाव करने का सरकार पर आरोप लगाया है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व शिरोमणि अकाली दल जे. एंड के. के प्रधान दयाल सिंह वजीर ने किया।

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सिख संगठनों का आरोप है कि राज्य सरकार पंजाबी भाषा की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने जो आदेश जारी किया है उसमें पंजाबी भाषा को नजरअंदाज किया गया है। इससे सिख समुदाय का सरकार पर से विश्वास उठ गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 तक जम्मू-कश्मीर में पंजाबी विषय स्कूलों में पढ़ाया जाता रहा है। उस समय हिन्दी, पंजाबी और उर्दू में से कोई एक विषय ले सकते थे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने साजिश के तहत पंजाबी भाषा को स्कूलों के पाठ्यक्रम से बाहर कर दिया है जबकि अन्य कई भाषाओं को उचित सम्मान दिया जा रहा है। यदि सरकार ने पंजाबी भाषा को भी पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया तो वे लोग चुप नहीं बैठेंगे तथा उग्र आंदोलन करेंगे। 

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वहीं इस मौके पर पहुंचे एस.एच.ओ. डिगयाना ने हाईवे पर उतरे प्रदर्शनकारियों के गुस्से को शांत करने का हर संभव प्रयास किया। एस.एच.ओ. के उच्चधिकारियों तक मामले को पहुंचाने के आश्वासन के बाद ही लोग शांत हुए। इस अवसर पर सुरेंद्र सिंह, रमनीक सिंह, दविंद्र सिंह, फतेह सिंह, मोङ्क्षहद्र सिंह, हरप्रीत सिंह, सुरजीत सिंह, कुलदीप सिंह, संदीप सिंह, सुखदेव सिंह सहित भारी संख्या में सिख समुदाय के लोग उपस्थित थे। 


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