गिलानी और मीरवायज गिरफतार, 42वें दिन में पहुंचा कर्फ्यू

punjabkesari.in Friday, Aug 19, 2016 - 04:48 PM (IST)

श्रीनगर : हुरियत कांफ्रैंस के दोनो गुटों के प्रमुखों सैयद अली शाह गिलानी और मीरवायज उमर फारुक को शुक्रवार को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब उन्होंने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए बीरवाह क्षेत्र के अरिपंथन इलाके की ओर मार्च करने की कोशिश की। वहीं, प्रशासन ने आज संयुक्त अलगाववादी नेतृत्व द्वारा आहूत अरिपंथन चलो मार्च को नाकाम करते हुए सुरक्षा के कड़े प्रतिबंध किए। इस दौरान श्रीनगर सहित समूची घाटी में कर्फ्यू रहा। जामिया मस्जिद में लगातार छहठे शुक्रवार को भी जुमा नमाज पर पाबंदी लगा दी। पिछली बार जामिया मस्जिद में नमाज 8 जुलाई को अदा की गई थी जिसके बाद से अशांति के चलते जामिया मस्जिद में हर शुक्रवार को जुमा नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी गई। पुराने शहर के नौहट्टा इलाके में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के मुख्य द्वार के बाहर सुरक्षाबलों ने कांटेदार तारों को लगा दिया है और किसी को भी मस्जिद के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है।


गत मंगलवार को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों की फायरिंग में चार युवकों की मौत के बाद मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में अलगाववादियों ने ‘अरिपंथन चलो’ रैली का आह्वान किया था।


जानकारी के अनुसार प्रशासनिक पाबंदियों और नजरबंदी का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने शुक्रवार को हुरियत कांफ्रैंस (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी और हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक को गिरफतार कर लिया।
आज अरिपंथन रैली के मद्देनजर गिलानी अपने घर से बाहर निकले, लेकिन घर से कुछ ही दूरी पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया और हिरासत में ले लिया। गिलानी को हुमहामा पुलिस स्टेशन शिफ्ट कर दिया गया। वहीं मीरवायज ने कर्फ्यू का उल्लंघन कर अरिपंथन की ओर मार्च करने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उनको रोक दिया और गिरफतार कर दिया। मीरवायज को नगीन पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया गया है। 


इस बीच रैली को नाकाम करने के लिए प्रशासन ने बडगाम जिले के अरिपंथन की ओर जानेवाली सभी सडक़ों को कंटीली तारों से बंद कर दिया गया है और आज नमाज अदा करने के दौरान लोगों के जुटने एवं मृतक युवकों को श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए सैंकड़ों सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। आस-पास के गांवों के लोगों को अरिपंथन की ओर न जाने के लिए अपने घरों में ही रहने के आदेश जारी किए गए ।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बडगाम जिले के अरीपंथन और मागम इलाकों में भी कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।


इससे पहले राजधानी श्रीनगर में शुक्रवार को अलगाववादियों के ‘अरिपंथन चलो‘ मार्च के मद्देनजर कफ्र्यू का दायरा बढ़ाकर इसे पूरी राजधानी में लागू कर दिया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अलगाववादी संगठनों के ‘अरिपंथन चलो‘ मार्च के मद्देनजर हिंसा की किसी भी घटना से बचने के लिए पूरे श्रीनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया। कफ्र्यू की वजह से सुबह सैर करने वालों लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के रिहाइशी इलाकों में लोगों को खास कर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योकि शुक्र्रवार तडक़े कफ्र्यू की घोषणा हुई और घर से बाहर निकलने वाले लोगों को सुरक्षाबल घर के अंदर वापस भेजने लगे। रामबाग में श्रीनगर-हवाई अड्डे रोड पर पुलिस के वाहन से बार-बार घोषणा हो रही थी कि लोग घरों के अंदर ही रहे।


ऐसी ही घोषणाएं नटीपुरा, छानपुरा और दूसरे रिहाइशी इलाकों में भी हुई, जहां सुरक्षा बलों ने चरार-ए-शरीफ रोड को नटीपुरा चौराहे के पास कंटीले तार लगाए गए हैं। बटमालु, करन नगर, टेंगपुरा, डांदेरखा, मगरमाल बाग, रावलपुरा, हैदरपोर,  रंगरीथ और शहर के अन्य क्षेत्रों में लोगों ने आरोप लगाया है कि सुरक्षा बल उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे है जिसकी वजह से वे ब्रेड और दुध जैसे जरूरी चीजें भी नहीं ले पा रहे है।


उन्होंने कहा कि गंदेरबल, बडगाम, अनंतनाग कस्बे, अवंतिपुरा, कुलगाम कस्बे, सोपोर छोडक़र बारामूला जिले, शोपियां कस्बे, बांडीपुरा के कालूसा और हंदवाड़ा के इलाकों में भी कफ्र्यू लगा दिया गया है। शेष घाटी में चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर एहतियातन रोक लगाई गई है ताकि कानून व्यवस्था कायम रखी जा सके। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवेदनशील एवं अति संवेदनशील क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।


बीते आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से घाटी में हिंसा का माहौल है। वानी की मौत के 42वें दिन भी सामान्य जनजीवन पंगु बना रहा। पूरे श्रीनगर जिले, अनंतनाग शहर, पंपोर शहर, शोपियां शहर, बारामुला के खानपुराए गंदेरबल शहर और बांदीपुरा जिले के कलूसा में भी कफ्र्यू लागू है। घाटी के शेष हिस्सों में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगे रहे। स्कूल, कॉलेज और निजी दफ्तर बंद रहे जबकि सार्वजनिक वाहन सडक़ों से नदारद रहे, सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति कम रही। मोबाइल इंटरनेट और टेलीफोन सेवाएं भी निलंबित रहीं।

 


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