इस खूबसूरत देश में बिना वीजा 90 दिन रह सकते हैं भारतीय, जानिए क्या है खास
punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 06:47 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दुनियाभर में भारतीय पासपोर्ट की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। अब भारतीय नागरिक त्रिनिदाद एंड टोबैगो जैसे खूबसूरत और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध देश में बिना वीजा 90 दिन तक रह सकते हैं। यह सुविधा सिर्फ पर्यटन ही नहीं, बल्कि परिवार से मिलने या व्यावसायिक उद्देश्य के लिए यात्रा कर रहे भारतीयों पर भी लागू होती है।
यह सुविधा दर्शाती है कि भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के संबंध कितने मजबूत हैं, और यह भी दिलचस्प है कि इस देश की सत्ता के प्रमुख पदों पर भारतीय मूल के नेता मौजूद हैं।
बिना वीजा के 90 दिन कैसे बिता सकते हैं? जानें नियम
भारतीय नागरिक यदि घूमने, बिजनेस या परिवार से मिलने के लिए त्रिनिदाद एंड टोबैगो जाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले से वीजा लेने की जरूरत नहीं है। वे वहां 90 दिनों तक रुक सकते हैं। हालांकि कुछ बुनियादी नियमों का पालन करना ज़रूरी है:
किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होगी:
-
कम से कम 6 महीने वैध भारतीय पासपोर्ट
-
होटल बुकिंग या ठहरने का प्रमाण (इनविटेशन लेटर हो तो और अच्छा)
-
वापसी की फ्लाइट टिकट
-
वित्तीय स्थिति का प्रमाण, जिससे यह स्पष्ट हो कि आप अपने खर्च खुद उठा सकते हैं
नोट: यदि आप शिक्षा, लंबे समय की नौकरी या स्थायी निवास जैसे कारणों से जा रहे हैं, तो वीजा की आवश्यकता होगी।
त्रिनिदाद एंड टोबैगो: एक देश, दो द्वीप, अनगिनत अनुभव
त्रिनिदाद एंड टोबैगो दो द्वीपों से मिलकर बना एक कैरेबियाई देश है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, संस्कृति और विविधता के लिए मशहूर है।
इस देश को खास बनाते हैं ये कारण:
-
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद अध्यक्ष – तीनों ही भारतीय मूल के हैं
-
होली (फगवा), दीवाली, ईद और क्रिसमस जैसे त्योहार पूरे जोश से मनाए जाते हैं
-
Așa Wright Nature Centre – पक्षी प्रेमियों के लिए दुनिया के सबसे खास स्थानों में से एक
-
त्रिनिदाद कार्निवल – जिसे दुनिया का सबसे रंगारंग और ऊर्जावान उत्सव कहा जाता है – "The Greatest Show on Earth"
क्या-क्या देख सकते हैं:
-
सुंदर रेत के समुद्र तट, जैसे Maracas Bay
-
घने वर्षावन, झरने और अद्भुत कोरल रीफ
-
अनोखे वन्यजीव और बर्ड वॉचिंग स्पॉट्स
भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के गहरे संबंध
इस कैरेबियाई देश में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी समुदाय है, जिनकी जड़ें 180 साल पुरानी हैं। यहां के बहुत से नागरिकों के पूर्वज 19वीं सदी में गिरमिटिया मजदूर के रूप में भारत से आए थे। आज वे देश के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में त्रिनिदाद की यात्रा के दौरान इन संबंधों को “साझा संस्कृति और भविष्य की साझेदारी” बताया। इस दौरान भारत और त्रिनिदाद के बीच कई समझौते भी हुए।
अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं तो ध्यान रखें:
-
यात्रा से पहले अपने दस्तावेजों की वैधता जांचें
-
अपनी वापसी की तारीख तय करें
-
होटल बुकिंग या स्थानीय मेजबान की जानकारी पहले से रखें
-
विदेश मंत्रालय या दूतावास की वेबसाइट से ताज़ा जानकारी जरूर लें