कोरोना को लेकर चीन फिर कटघरे में, खुफिया रिपोर्ट में वुहान लैब को लेकर नया खुलासा
punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 11:54 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः दुनिया भर में पिछले करीब डेढ़ साल से फैले कोरोना वायरस की तबाही अब भी जारी है। दुनिया के कई देशों में अभी भी प्रतिबंध जारी हैं।
लेकिन वायरस की उत्पत्ति को लेकर सवाल यथावत है कि ये आया कहां से ? इस बीच कोरोना वायरस को लेकर एक खुफिया रिपोर्ट सामने आई है जिसने एक बार फिर चीन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस के फैलने से करीब एक महीने पहले वुहान लैब का स्टाफ बीमार पड़ा था।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वुहान लैब के तीन शोधकर्ता इस दौरान बीमार पड़ गए थे। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरॉलजी के तीन शोधकर्ता नवंबर 2019 में बीमार पड़े थे और उन्होंने अस्पताल की मदद मांगी थी। अमेरिका की इस ख़ुफ़िया रिपोर्ट में वुहान लैब के बीमार शोधकर्ताओं की संख्या उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल जाने से जुड़ी विस्तृत जानकारियां दी गई हैं। अमेरिका की ओर से जारी इस खुफिया रिपोर्ट के सामने आने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि ये जानकारियां उस दावे की जांच दोबारा कराने पर बल देंगी जिनमें वुहान लैब से कोरोना वायरस फैलने की आशंका जताई गई है। इस रिपोर्ट के बाद WHO के जांच दल की रिपोर्ट पर सवाल उठने लगे हैं कि वुहान वायरस का केंद्र नहीं है।
अमेरिका की ओर से ये खुफिया रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) एक बैठक करने जा रहा है जिसमें कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बारे में अगले चरण की जांच पर चर्चा का अनुमान है। इससे पहले पता चला था कि चीन में मानव कोशिकाओं पर इस वायरस के असर को लेकर 2015 से प्रयोग चल रहे थे। ये प्रयोग वुहान के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में चल रहे थे और इनमें बैट लेडी नाम से ख्यात महिला विज्ञानी शी झेंग-ली शामिल थी। शी अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के प्रमुख कोरोना वायरस शोधकर्ता राल्फ एस बारिक के साथ भी काम कर रही थी।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) की एक टीम कोरोना वायरस से जुड़े तथ्यों का पता लगाने के लिए वुहान गई थी। वहां पड़ताल के दौरान जांच दल चीन की वुहान लैब भी गया। इसके बाद WHO ने कहा कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से दुनिया भर में फैला। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस को ‘चीनी वायरस’ और ‘वुहान वायरस’ कहते थे और चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। उन्होंने चीन पर जांच में विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम को पूरा सहयोग न देने और वुहान लैब से जुड़ी जानकारियां छिपाने के आरोप भी लगाए थे।
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