नॉटो देशों में अमरीकी सैनिकों की तैनाती का खुला राज

punjabkesari.in Saturday, Jul 14, 2018 - 12:34 PM (IST)

लॉस एंजिल्सः अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के सदस्य देश अमरीका का फायदा उठा रहे हैं। ये बात उन्होंने नॉटो सम्मेलन में शामिल होने से ठीक पहले कही है ये  बात उन्होंने नॉटो  सम्मेलन में शामिल होने से ठीक पहले कही है । ट्रंप ने कहा कि अन्य सदस्य देशों को चाहिए कि वो संगठन के लिए आर्थिक योगदान में बढ़ोतरी करें।  ट्रंप के इस बयान से अमरीकी की नॉटो देशों में तैनाती का राज खुल गया है। ट्रंप की इस बात पर यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यूरोप जैसा अमरीका का कोई बेहतर सहयोगी नहीं रहा है। 

अमरीका वर्तमान में रक्षा बजट पर जीडीपी का 3।5% से अधिक खर्च कर रहा है। यूरोपीय सदस्य देशों में ग्रीस, ब्रिटेन, इस्टोनिया, लातविया का यह खर्च 2% या उससे अधिक है। लेकिन अब नाटो चाहता है कि 2% खर्च करने वाले देशों की संख्या इस साल बढ़ाकर आठ की जाए। शीत युद्ध के समय यूरोप में चार लाख से ज्यादा अमरीकी सैनिक मौजूद थे। आज तुर्की सहित यूरोपीय देशों में 60 हजार अमरीकी सैनित तैनात हैं। वर्तमान में इटली, ब्रिटेन और स्पेन के बाद जर्मनी में सबसे ज्यादा अमरीकी सैनिक तैनात हैं। ये सैनिक नॉटो के उद्देश्यों के अलावा अन्य कार्रवाई में भी मदद करते हैं। यूरोप में हर साल बड़ी संख्या में अमरीकी सैन्य बलों की तैनाती की जाती है जो लंबे या फिर कम वक्त के लिए होती है।

साल 2014 में यूक्रेन में रूस के हस्तक्षेप के बाद अमरीका ने यूरोप की सुरक्षा में मदद देने का आश्वासन दिया था। इसके बाद यूरोपीयन रिएश्योरेंस इनीसिएटिव शुरू किया गया था। नॉटो के सदस्य देशों को चेतावनी के बावजूद  ट्रंप ने यूरोपीयन रिएश्योरेंस इनीसिएटिव पर किए जा रहे खर्च में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इस साल इस पर 4।7 बिलियन डॉलर खर्च किया जाएगा। अमरीका  के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के वक्त 2016 में यह खर्च 789 मिलियन डॉलर था। यह भी जानना जरूरी है कि अमरीका की वैश्विक सैन्य प्रतिबद्धताएं है। इसकी सेना न सिर्फ यूरोप में बल्कि जापान में भी अधिक संख्या में तैनात हैं।

दक्षिण कोरिया और अफगानिस्तान में नेटो के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भारी संख्या में अमरीकी सैनिक तैनात किए गए हैं। बता दें कि नेटो की स्थापना 04 अप्रैल, 1949 को सोवियत संघ का मुकाबला करने के उद्देश्य से किया गया था। फिलहाल इस गठबंधन में अमरीका, ब्रिटेन सहित 29 सदस्य देश हैं, जिनकी आपस में राजनीतिक और सैन्य साझेदारी है। साल 2014 में नेटो ने यह फैसला किया था कि कुछ सदस्य देश रक्षा खर्च पर अपनी जीडीपी का दो प्रतिशत खर्च करेंगे।


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Tanuja

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