जैसे को तैसा करेंगे...PM मोदी से मुलाकात से पहले ट्रंप ने टैरिफ प्लान पर किया बड़ा ऐलान

punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 02:35 AM (IST)

इंटरनेशल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्यापारिक साझेदारों से आयात पर व्यापक पारस्परिक शुल्क लगाने वाले आदेश पर बृहस्पतिवार को हस्ताक्षर किए। इसके तहत अमेरिका किसी देश से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर वही शुल्क लगाएगा, जो ये देश अमेरिका से आयात किए जाने वाले सामान पर लगाते हैं। ट्रंप के इस कदम से अमेरिका और उसके साझेदारों तथा प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच व्यापक आर्थिक गतिरोध पैदा होने की आशंका जताई जा रही है।

ओवल ऑफिस में आदेश पर हस्ताक्षर के बाद ट्रंप ने कहा, “मैंने व्यापार संतुलन कायम करने के इरादे से पारस्परिक शुल्क वसूलने का फैसला लिया है। यह सबके लिए उचित है। कोई भी अन्य देश शिकायत नहीं कर सकता।” ट्रंप चीन के आयात पर पहले ही 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगा चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों-कनाडा और मेक्सिको पर भी शुल्क लगाने की तैयारी कर ली है, जो 30 दिनों के लिए निलंबित रहने के बाद मार्च में प्रभावी हो सकते हैं। 

भारत को लेकर उन्होंने खासतौर पर यह कहा कि भारत में अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा शुल्क लगाए जाते हैं। ट्रंप ने साफ किया कि वह किसी भी देश से उतना ही शुल्क लेंगे जितना वह अमेरिका से वसूलते हैं। इसका अर्थ है कि वह अपनी व्यापारिक नीति को और सख्त बनाएंगे और अन्य देशों के साथ व्यापार संबंधों में समानता का सिद्धांत लागू करेंगे।

राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि यह कदम उनकी सरकार के व्यापारिक युद्ध के विस्तार के तहत उठाया गया है। उनके अनुसार, कई देशों ने अमेरिका पर अत्यधिक शुल्क लगाए हैं, जबकि व्यापार के मामले में अमेरिका के सहयोगी भी कभी-कभी दुश्मनों से भी बदतर साबित होते हैं। ट्रंप का कहना है कि अब अमेरिका अपनी शक्ति का पूरा उपयोग करेगा और इन देशों से "समान शुल्क" वसूल करेगा ताकि अमेरिकी उत्पादकों और व्यापारियों को फायदा हो सके।

यह कदम वैश्विक व्यापार विवादों को और बढ़ा सकता है क्योंकि इससे अमेरिका के कई व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियमों में बदलाव आ सकता है और कई देशों के बीच शुल्क युद्ध भी तेज हो सकते हैं, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और आर्थिक विकास पर असर डाल सकता है।

ट्रंप का यह कदम विशेष रूप से भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में यह एक नया मोर्चा खोल सकता है। ट्रंप ने पहले ही चीन और अन्य देशों के खिलाफ व्यापारिक शुल्कों को बढ़ाने का निर्णय लिया था और अब इस नीति के तहत भारत जैसे देशों पर भी दबाव बढ़ सकता है। यह नीति न केवल अमेरिकी व्यापारिक हितों को प्राथमिकता देती है बल्कि वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध को और जटिल बना सकती है जिसके दूरगामी असर हो सकते हैं।


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Content Writer

Pardeep

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