आदियाला जेल में बर्बरता की हदें पारः मुनीर के इशारों पर इमरान की बहनों से बदसलूकी, जेलर ने सरेआम उतारी महिला समर्थकों की इज्जत

punjabkesari.in Thursday, Dec 18, 2025 - 12:59 PM (IST)

Islamabad: पाकिस्तान में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज की अतिरिक्त शक्ति मिलने के बाद हालात और भयावह हो गए हैं। अब उनकी मर्जी ही कानून बन चुकी है। इसका सबसे ताजा और शर्मनाक उदाहरण आदियाला जेल में देखने को मिला, जहां बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलने पहुंचीं उनकी बहनों और महिला समर्थकों पर बर्बर पुलिसिया कार्रवाई की गई।यही नहीम जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के आरोप में   इमरान खान की बहनों और सैंकड़ों समर्थकों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम के तहत बुधवार को मामला दर्ज किया गया है। 


जेल में बंद खान से मिलने के लिए उनके रिश्तेदारों और वकीलों को जेल प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद खान की बहनों और उनके पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जेल के बाहर प्रदर्शन किया।  पुलिस के अनुसार खान की दो बहनों - अलीमा खान और नोरीन नियाजी के साथ-साथ पार्टी के नेताओं और समर्थकों के खिलाफ रावलपिंडी के सदर बेरोनी थाने में आतंकवाद विरोधी अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इमरान खान की बहनें अलीमा खान और नौरीन खान के साथ कई महिला कार्यकर्ता जेल के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही थीं।

 

आरोप है कि जेल प्रशासन के इशारे पर पंजाब पुलिस ने महिलाओं के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की और सार्वजनिक अपमान किया।PTI की महिला कार्यकर्ताओं ने रोते हुए बताया कि एक पुलिसकर्मी ने उन्हें पकड़ा दूसरे ने लाठियों से पीटा। कई महिलाओं के दुपट्टे खींच लिए गए और एक महिला का सिर नंगा कर दिया गया।  महिलाओं ने कहा कि उन्हें अपराधियों की तरह ट्रीट किया गया, जबकि उनका “गुनाह” सिर्फ इमरान खान से मिलने की मांग करना था। जब दमन से भीड़ नहीं टूटी, तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर केमिकल मिला पानी छोड़ा। कई लोगों ने त्वचा में जलन, आंखों में जलन और सांस घुटने की शिकायत की। यह सामान्य वाटर कैनन नहीं था, बल्कि ऐसा रसायनयुक्त पानी बताया गया जिसने लोगों की हालत बिगाड़ दी।

 

यह सब उस समय हो रहा है जब  संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान के मानवाधिकार उल्लंघन का मुद्दा उठ चुका है। अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मान चुकी हैं कि इमरान को मूल अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तानी हुकूमत और सेना का दमन थमने का नाम नहीं ले रहा। इमरान खान के जीवित होने के प्रमाण सामने आ चुके हैं, लेकिन सवाल यह है कि जेल के भीतर इमरान और जेल के बाहर उनका परिवार  कब तक इस राज्य प्रायोजित अत्याचार को झेलता रहेगा?
 


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Content Writer

Tanuja

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