मालदीव में चीन के बढ़ते दखल से टेंशन में अमेरिका, समुद्री सुरक्षा को लेकर किया बड़ा ऐलान

punjabkesari.in Monday, Feb 19, 2024 - 02:56 PM (IST)

माले: मालदीव की चीन के साथ बढ़ती  दोस्‍ती ने अमेरिका को चिंता में डाल दिया । इस मामले के मद्देनजर ही पिछले दिनों मालदीव के दौरे पर पहुंचे अमेरिका के सहायक व‍िदेश मंत्री डोनाल्‍ड लू  ने मालदीव की सेना के लिए 4 गश्‍ती समुद्री जहाज और एक प्‍लेन देने का ऐलान किया है । अमेरिका ने यह ऐलान ऐसे समय पर किया है जब  चीन एक जासूसी केंद्र मालदीव के एक द्वीप पर बनाने की योजना बना रहा है। व‍िश्‍लेषकों का मानना है कि अगर चीन ऐसा करने में सफल होता है तो वह भारत ही नहीं अमेरिका के युद्धपोतों की आसानी से निगरानी कर सकेगा जो डियागो गार्सिया नेवल बेस तक अक्‍सर जाते रहते हैं।

 

लू ने अमेरिका के शांति संस्‍थान के एक कार्यक्रम में  कहा कि भले ही देखने में मालदीव छोटा देश है लेकिन अगर रक्षा जरूरतों को देखें तो उसे बहुत ज्‍यादा आवश्‍यकता है। डोनाल्‍ड लू ने कहा, 'मालदीव के पास 1200 द्वीप हैं। उसका क्षेत्रीय इलाका 53 हजार वर्ग किलोमीटर का है। यह फ्रांस के आकार का है। इस लिहाज से मालदीव एक व‍िशाल देश है। हम मालदीव को एक छोटा देश समझते हैं लेकिन अगर रक्षा जरूरतों की बात करें तो यह बहुत ज्‍यादा है।' डियागो गार्सिया एक ब्रिटिश स्‍वामित्‍व वाला द्वीप है जिस पर अमेरिका ने नौसैनिक अड्डा बना रखा है। डियागो गार्सिया मालदीव से कुछ सौ समुद्री मील की दूरी पर है और हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से बेहद अहम है। इसी नेवल बेस के जरिए अमेरिका चीन पर कड़ी नजर रखता है।

 

यही नहीं अमेरिका यहां पर परमाणु पनडुब्‍बी तथा परमाणु बॉम्‍बर तक तैनात करता रहता है।  लू ने कहा कि इतने बड़े क्षेत्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण और उपकरणों के कार्यान्वयन की आवश्यकता है। इसे पूरा करने के लिए अमेरिका ने मालदीव को वास्तविक समय के वाणिज्यिक उपग्रह डेटा के साथ-साथ गश्ती नौकाओं और विमानों को प्रदान करने के प्रयास शुरू किए हैं। लू ने घोषणा की कि मालदीव की नौसेना को चार गश्ती नौकाएं प्रदान की जाएंगी और एक विमान देने पर चर्चा चल रही है, क्योंकि ये संसाधन क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 

इस बीच मालदीव सरकार ने अभी इस बात की पुष्टि नहीं की है कि अमेरिकी सरकार गश्ती नौकाएं प्रदान करने पर सहमत हुई है या नहीं। बता दें कि मालदीव के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद मुइज्‍जू की चीन यात्रा के बाद ड्रैगन बहुत तेजी से माले के अंदर पैर पसार रहा है। मुइज्‍जू चीन की कंपनियों को ठेका दे रहे हैं। वह भी तब जब मालदीव चीन के कर्ज तले दबा हुआ है। चीन के इसी प्रभाव को कुंद करने के लिए अमेरिकी विदेश राज्‍य मंत्री माले पहुंचे थे।


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Content Writer

Tanuja

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