पाक में सक्रिय आतंकियों को लेकर भारत की चिंताओं को साझा करता है अमरीका
Thursday, Sep 13, 2018 - 03:17 PM (IST)
वाशिंगटनः अमरीका ने पाकिस्तान की सरजमीं पर अब भी आतंकवादियों के सक्रिय होने संबंधी भारत की चिंताओं को साझा किया और कहा कि नई दिल्ली के साथ संबंध बेहतर करने के लिए इस्लामाबाद का इस अहम मुद्दे से निपटना महत्वपूर्ण है।दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने कहा कि आतंकवाद को रोकने पर बातचीत हमेशा अमेरिका-भारत रिश्ते का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा रही है और दोनों देश इस मुद्दे पर मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने शीर्ष अमेरिकी ङ्क्षथक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के एक कार्यक्रम में कहा, कि हमने आतंकवाद को रोकने पर प्रगतिशील वार्ता की। अमेरिकी प्रशासन के पिछले साल से लश्कर-ए-तैयबा के करीब दर्जन भर ठिकानों और दूसरे संगठन समेत वैश्विक आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रयास जारी हैं। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 2008 में मुंबई पर हमला किया था जिसमें अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे।
वेल्स ने कहा, ‘‘मुंबई हमले की 10वीं वर्षगांठ आ रही है और हम पाकिस्तानी सरजमीं पर अब भी आतंकवादियों के सक्रिय होने संबंधी ङ्क्षचता साझा करते हैं। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ की हाल ही में की गई टिप्पणी का जिक्र करते हुए वेल्स ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान सरकार से ‘‘महज कोरी बातें नहीं बल्कि कार्रवाई चाहता है’’ और जाहिर है कि यह एक साझा चिंता हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात करने का उनका पहला मौका था और यह विदेश मंत्री के लिए दोनों देशों के संबंधों के वास्ते आवश्यक आकांक्षाओं को बताने का अवसर था।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक संप्रभु देश है जिसके पास अपने आप को बनाने का विकल्प है। वेल्स ने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करती हूं कि इस विकल्प की जिम्मेदारी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बावजा पर है जिन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तान में चरमपंथी ताकतें सक्रिय रहेंगी तब तक पाकिस्तान एक सामान्य देश नहीं बन सकता।