अमेरिकी सरकार ने पेश किया नया H-1B वीजा सिस्टम, इन कर्मचारियों को दी जाएगी प्राथमिकता

punjabkesari.in Wednesday, Sep 24, 2025 - 05:05 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका की ट्रंप सरकार ने H-1B वीजा सिस्टम में बड़ा बदलाव करने का प्रस्ताव रखा है। इस नए नियम के तहत वीजा मिलने की प्रक्रिया में अब ज्यादा कुशल और बेहतर वेतन पाने वाले विदेशी कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुए एक सरकारी नोटिस में दी गई है।

क्या है नया प्रस्ताव?

अगर किसी साल में H-1B वीजा के लिए आवेदन ज्यादा हों और उपलब्ध वीजा कम हों, तो अब लॉटरी सिस्टम में बदलाव किया जाएगा। इसके तहत वेतन के आधार पर श्रेणियां (वेज टियर्स) बनाई जाएंगी, जिसमें उच्च वेतन वाले पदों को वीजा मिलने का अधिक मौका मिलेगा।इसका मकसद उन कंपनियों को प्रोत्साहित करना है जो अमेरिकी कर्मचारियों को प्राथमिकता दें और कम वेतन पर विदेशी कर्मचारियों को काम पर लगाने की गलत प्रथा को रोकना है।

H-1B वीजा के लिए फीस में बड़ा इजाफा

ट्रंप प्रशासन ने 19 सितंबर को एक आदेश जारी किया, जिसके तहत नए H-1B वीजा आवेदनों के लिए ₹75 लाख (लगभग $100,000) फीस निर्धारित की गई है। इससे पहले यह फीस ₹15,000 से ₹3.75 लाख ($215 से $5,000) के बीच होती थी, जो कंपनी के आकार पर निर्भर करती थी। यह बढ़ोतरी कई छोटे व्यवसायों के लिए भारी पड़ सकती है, जिन पर श्रम की कमी का असर पड़ेगा।

क्या कहता है सरकार?

अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का कहना है कि इस बदलाव से H-1B कर्मचारियों को मिलने वाली कुल सैलरी अगले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ेगी। वित्तीय वर्ष 2026 से 2035 तक कुल वेतन में 20 बिलियन डॉलर से अधिक की बढ़ोतरी होगी। सरकार का दावा है कि इससे वीजा कार्यक्रम का दुरुपयोग कम होगा और अमेरिकी कर्मचारियों के लिए रोजगार बढ़ेगा।

आलोचनाएं और प्रतिक्रिया

इस फैसले का भारी विरोध भी हो रहा है। तकनीकी कंपनियों और आउटसोर्सिंग फर्मों का कहना है कि यह कदम नवाचार (इनोवेशन) को रोक सकता है और वैश्विक प्रतिभा को अमेरिका से दूर कर सकता है। इसके कारण बहुत से विदेशी टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट कनाडा, ब्रिटेन जैसे देशों का रुख कर सकते हैं। दूसरी ओर, समर्थक इसे अमेरिकी नौकरियों की सुरक्षा और देश की आर्थिक मजबूती के लिए जरूरी मान रहे हैं।

H-1B वीजा क्यों महत्वपूर्ण है?

H-1B वीजा अमेरिका की टेक्नोलॉजी और अन्य उद्योगों में विदेशी कुशल कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए बहुत जरूरी है। इस वीजा का सबसे बड़ा लाभार्थी भारत और चीन जैसे देशों के पेशेवर हैं। 1990 से यह वीजा अमेरिका की रोजगार आधारित इमिग्रेशन नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

आगे क्या होगा?

अमेरिका की नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने जनता को इस प्रस्ताव पर अपनी राय देने के लिए 30 दिन का समय दिया है। इस अवधि के बाद सरकार अंतिम निर्णय लेगी और नए नियम लागू किए जाएंगे।

 


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Content Writer

Pardeep

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