US GDP: अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर मंदी के बादल! पहली तिमाही GDP में गिरावट, बिगड़ते दिख रहे हालात

punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 07:42 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका की अर्थव्यवस्था की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2025 तक के आंकड़े सामने आए हैं। इन आंकड़ों में आर्थिक गतिविधियों में कमजोरी साफ नजर आ रही है। खासकर GDP ग्रोथ यानी देश की आर्थिक विकास दर में गिरावट देखी गई है, जो चिंता का विषय है। इसके साथ ही महंगाई और मांग में भी कमी दिख रही है। हालांकि बेरोजगारी के आंकड़े कुछ हद तक ठीक हैं, लेकिन पूरी तस्वीर कुछ अधिक सकारात्मक नहीं लगती। आइए विस्तार से जानते हैं इस स्थिति के बारे में।

GDP ग्रोथ में गिरावट

अमेरिका की पहली तिमाही की GDP ग्रोथ -0.5% रही, जबकि विशेषज्ञों ने उम्मीद की थी कि यह -0.2% होगी। इसका मतलब यह हुआ कि आर्थिक गतिविधियां उम्मीद से ज्यादा धीमी हुई हैं। GDP ग्रोथ निगेटिव होना यह दर्शाता है कि देश की कुल उत्पादन और सेवाओं की मात्रा कम हुई है। जब GDP ग्रोथ निगेटिव रहती है, तो यह संकेत होता है कि आर्थिक गतिविधि में कमी आई है।

महंगाई के दबाव बने हुए हैं

GDP प्राइस इंडेक्स, जो महंगाई को दर्शाता है, इस तिमाही 3.8% रहा जबकि अनुमान 3.7% था। यह दर्शाता है कि कीमतों में बढ़ोतरी जारी है और महंगाई का दबाव बना हुआ है। महंगाई बढ़ने का मतलब है कि उत्पाद बनाने और सेवाएं देने की लागत ज्यादा हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर दबाव पड़ता है।

मांग और बिक्री में गिरावट

GDP की अंतिम बिक्री यानी फाइनल सेल्स में भी गिरावट आई है। यह -3.1% रही, जबकि अनुमान -2.9% था। इससे पता चलता है कि बाजार में मांग और खरीदारी कम हुई है। जब उपभोक्ता खर्च घटता है तो कारोबार प्रभावित होता है और आर्थिक विकास धीमा पड़ जाता है।

बेरोजगारी के आंकड़ों में हल्की राहत

जहां एक तरफ आर्थिक ग्रोथ में गिरावट आई है, वहीं बेरोजगारी के आंकड़ों में थोड़ी अच्छी खबर है। सप्ताह समाप्त 21 जून 2025 तक नए बेरोजगारों के लिए किए गए दावों (Initial Jobless Claims) की संख्या 2.36 लाख रही, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 10,000 कम है। इसका मतलब है कि कुछ हद तक रोजगार की स्थिति स्थिर बनी हुई है।

GDP ग्रोथ निगेटिव होने का मतलब क्या है?

GDP का पूरा मतलब है “Gross Domestic Product” यानी देश के भीतर एक निश्चित समय में बने सभी माल और सेवाओं का कुल मूल्य। जब GDP ग्रोथ निगेटिव होती है, तो इसका मतलब होता है कि देश की आर्थिक गतिविधि पिछली तिमाही की तुलना में घट गई है। इसका मतलब हो सकता है:

  • कंपनियां कम उत्पाद बना रही हैं
  • दुकानों की बिक्री में गिरावट आई है
  • लोग खर्च करने में कम रुचि दिखा रहे हैं
  • निवेश घट रहा है
  • नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं हो रही या छंटनी हो रही है

आर्थिक सुस्ती क्यों होती है?

  • GDP ग्रोथ निगेटिव होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
  • ब्याज दरें अधिक होना जिससे लोन महंगे हो जाते हैं
  • महंगाई बढ़ जाना जिससे लोग खर्च कम करते हैं
  • एक्सपोर्ट या विदेशों में मांग कम होना
  • प्राकृतिक आपदाएं या महामारी
  • वैश्विक आर्थिक मंदी

GDP गिरावट के प्रभाव

  • बेरोजगारी बढ़ सकती है क्योंकि कंपनियां खर्च कम करती हैं
  • कंपनियों के मुनाफे घटते हैं
  • शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है
  • सरकार की टैक्स आय कम हो जाती है
  • गरीब और मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है

मंदी (Recession) क्या होती है?

अगर GDP लगातार दो तिमाही यानी 6 महीने तक निगेटिव रहती है, तो अर्थशास्त्र में इसे “मंदी” या “Recession” कहा जाता है। मंदी के दौरान आर्थिक गतिविधियां धीमी हो जाती हैं, रोजगार में कमी आती है और खर्च घटता है।

ऐसी स्थिति में सरकार और केंद्रीय बैंक (जैसे अमेरिका में फेडरल रिजर्व) कई कदम उठाते हैं जैसे:

  • ब्याज दरें कम करना ताकि लोन सस्ता हो जाए
  • सरकारी खर्च बढ़ाना ताकि आर्थिक गतिविधियां तेज हों
  • टैक्स में राहत देना ताकि लोगों के पास ज्यादा पैसे आएं

आगे क्या हो सकता है?

अभी के आंकड़े बताते हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ रही है, लेकिन यह भी जरूरी है कि सरकार और फेडरल रिजर्व सही समय पर उपाय करें। महंगाई के दबाव को कम करना और मांग को बढ़ाना इस वक्त बहुत जरूरी है। साथ ही बेरोजगारी पर भी नजर रखनी होगी ताकि वह तेजी से न बढ़े।


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News Editor

Parveen Kumar

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