यूक्रेन युद्ध विराम प्रस्ताव पर सहमत, अमेरिका सुरक्षा सहायता फिर से शुरू करेगा

punjabkesari.in Wednesday, Mar 12, 2025 - 12:59 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा दिए गए 30 दिन के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। यह युद्धविराम दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर लागू किया जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो इसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है। इस प्रस्ताव के तहत, दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष को 30 दिन के लिए रोकने का निर्णय लिया गया है। 

यूक्रेन और अमेरिकी अधिकारियों के बीच मुलाकात: आज यूक्रेन और अमेरिका के अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण मुलाकात हुई, जिसमें इस प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इसके बाद, एक संयुक्त बयान जारी किया गया, जिसमें यूक्रेन ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि वे इसके लिए तैयार हैं। बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि मीडिएशन (मध्यस्थता) के माध्यम से अगर आगे भी युद्ध को रोका जा सकता है, तो यूक्रेन इसे समर्थन करेगा।

यूक्रेन के अधिकारी इस युद्धविराम के प्रस्ताव को एक सकारात्मक कदम मानते हुए इसे स्वागत योग्य बताया और यह आशा जताई कि इस युद्धविराम के माध्यम से शांति की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमेरिका और अन्य वैश्विक ताकतें इस स्थिति को आगे बढ़ाने के लिए योगदान देती हैं, तो यह शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकता है। 

राष्ट्रपति ट्रंप और जेलेंस्की के बीच तनाव: हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच ओवल ऑफिस में तीखी झड़प हुई थी, जिसके बाद यह अटकलें तेज हो गई थीं कि यूक्रेन के लिए भविष्य में समस्याएं बढ़ सकती हैं। कुछ जानकारों का मानना था कि इस तनाव के चलते अमेरिका और यूक्रेन के रिश्तों में खटास आ सकती है।

हालांकि, इस विवाद के बावजूद यूक्रेन ने अमेरिका के इस युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यूक्रेन शांति की ओर कदम बढ़ाने के लिए तैयार है और फिलहाल अमेरिका के प्रस्ताव को मानने की स्थिति में है। 

रूस-यूक्रेन युद्ध पर असर: इस युद्धविराम प्रस्ताव के स्वीकार किए जाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को 30 दिन के लिए रोका जा सकता है। हालांकि, यह युद्धविराम केवल एक प्रारंभिक कदम है, और दोनों देशों के बीच लंबी अवधि तक शांति की दिशा में और प्रयास किए जाने की आवश्यकता होगी। इस युद्धविराम को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह सफल रहा, तो यह दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिल सकता है।


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Content Writer

Pardeep

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