ब्रिटेन ने ईरान से टैंकर छोड़ने की मांग दोहराई

Tuesday, Jul 23, 2019 - 01:57 PM (IST)

लंदनः ब्रिटेन ने ईरान से एक बार फिर उसके झंडे वाले जब्त तेल टैंकर को छोड़ने की मांग दोहराई । प्रधानमंत्री खरेसा मे ने घटना पर चर्चा करने के लिए एक आपात बैठक भी बुलाई है। ईरान के इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर ने शुक्रवार को होर्मुज जलडमरूमध्य से स्टेना इम्पेरो नाम के तेल टैंकर को उसके चालक दल के सदस्यों के साथ जब्त कर लिया था। इसके चालक दल में कप्तान समेत 18 भारतीय, तीन रूसी, एक लातवियाई और एक फिलीपीन का नागरिक है। इसके बाद से तनाव नाटकीय तरीके से बढ़ गया।

इससे करीब 2 हफ्ते पहले ब्रिटेन के अधिकारियों ने जिब्राल्टर के जल क्षेत्र से ईरानी टैंकर को जब्त कर लिया था। ब्रिटेन ने सीरिया के खिलाफ लगे प्रतिबंधों को तोड़ने के शक में इस टैंकर को जब्त किया था। थरेसा मे के प्रवक्ता ने कहा, ‘टैंकर को झूठे और अवैध बहानों से जब्त किया गया है और ईरानियों को इसे और इसके चालक दल को तत्काल छोड़ देना चाहिए। ’ मे मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के साथ आपात बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। प्रवक्ता ने कहा, ‘हम ईरान के साथ टकराव नहीं चाहते हैं, लेकिन वैध व्यापार के लिए अंतरराष्ट्रीय तौर पर मान्यता प्राप्त रास्ते से गुजर रहे टैंकर को जब्त करना अस्वीकार्य और तनाव को बढ़ाने वाला है।’

उधर, ईरान ने दावा किया कि एक मछली पकड़ने वाली नौका को टक्कर मारने के बाद आपात संकेत का जवाब नहीं देने और ट्रांसपोंडर को बंद कर देने की वजह से टैंकर को जब्त किया गया। ईरान सरकार के प्रवक्ता अली रबीई ने तेहरान में सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ब्रिटेन के टैंकर को जब्त करना ईरान का कदम कानूनी है। बहरहाल, ब्रिटेन ने कहा कि टैंकर के टकराने का कोई सबूत नहीं है और टैंकर ओमान के जल क्षेत्र में था तथा उसके ‘ट्रांसपोंडर’ चालू थे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने रविवार को अपने फ्रांस तथा जर्मनी के समकक्षों से बात की। यूरोपीय संघ भी ईरान के कदम पर गहरी चिंता जता चुका है।
 

Tanuja

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