ब्रिटेन में पाकिस्तानी गैंग की काली करतूतः 2 नाबालिग लड़कियों का बार-बार किया रेप, 20 पुरुषों से एक साथ करवाया बलात्कार
punjabkesari.in Thursday, Oct 02, 2025 - 04:42 PM (IST)

London: उत्तर इंग्लैंड के रॉचडेल शहर में हुए भयानक यौन शोषण कांड ने एक बार फिर सबको झकझोर दिया है। ब्रिटिश-पाकिस्तानी मूल के सरगना मोहम्मद जाहिद और उसके छह साथियों को दो नाबालिग लड़कियों को सेक्स गुलाम बनाने, उन्हें प्रलोभित करने और बार-बार बलात्कार करने के आरोप में लंबी सजाएं सुनाई गई हैं। मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट ने मोहम्मद जाहिद को 35 साल की कठोर कारावास की सजा दी, जबकि अन्य आरोपी 12 से 29 साल तक की सजा भुगतेंगे। यह मामला ब्रिटेन के कुख्यात ग्रूमिंग गैंग कांडों का हिस्सा है, जिसमें कमजोर लड़कियों को लंबे समय तक निशाना बनाया गया।
सुनवाई में पता चला कि यह गिरोह 2000 के दशक के मध्य से सक्रिय था। पीड़ित लड़कियों की उम्र उस समय केवल 13 साल थी। अदालत में उन्हें गर्ल ए और गर्ल बी के नाम से पेश किया गया। 65 वर्षीय सरगना जाहिद, जो रॉचडेल मार्केट में अंडरगारमेंट्स की दुकान चलाता था, ने लड़कियों को मुफ्त अंडरवियर, नकद पैसे, शराब और भोजन देकर उनका विश्वास जीता और धीरे-धीरे उन्हें अपने और साथी अपराधियों के यौन शोषण के लिए मजबूर किया। पीड़ितों ने बताया कि उनका फोन नंबर 200 से अधिक अपराधियों में बांटा गया था। एक 15 वर्षीय लड़की इतनी नशे में थी कि 20 पुरुषों ने उसे एक के बाद एक बलात्कार किया, जबकि दूसरी लड़की बिस्तर के किनारे उल्टी कर रही थी। एक 13 वर्षीय लड़की गर्भवती हो गई और उसे गर्भपात कराना पड़ा।
सातों आरोपी ब्रिटिश-पाकिस्तानी मूल के थे, जिनमें मार्केट स्टॉलधारक, टैक्सी ड्राइवर और अन्य शामिल थे। जाहिद और एक अन्य आरोपी पहले भी इसी तरह के मामलों में सजा काट चुके थे। कुल मिलाकर 20 से अधिक अपराध सिद्ध हुए।यह मामला 2008-2009 में सामने आए रॉचडेल बाल यौन शोषण कांड का हिस्सा है। जांच में पाया गया कि 1997 से 2013 तक पाकिस्तानी मूल के गिरोहों ने सैकड़ों लड़कियों का शोषण किया। ग्रेटर मैनचेस्टर पुलिस की विशेष इकाई ने अब तक 32 अपराधियों को 474 साल की कुल सजा दिलाई। रदरहम, हडर्सफील्ड और अन्य शहरों में भी इसी तरह के कांड सामने आए।
2025 में बैरोनेस केसी की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि ग्रुप-बेस्ड चाइल्ड सेक्शुअल एक्सप्लॉइटेशन में एशियाई पुरुषों की असमानुपातिक भागीदारी है। एनएसपीसीसी ने इसे भयानक और क्रूर शोषण करार दिया और माता-पिता व शिक्षकों को सतर्क रहने की सलाह दी।पीड़ित महिलाओं ने साहसपूर्वक अदालत में गवाही दी। गर्ल बी ने कहा, “हमारी जिंदगी बर्बाद हो गई, लेकिन हम चुप नहीं रहेंगी।” यह मामला न केवल अपराधियों को सजा देता है, बल्कि ब्रिटेन की संस्थाओं की विफलताओं पर भी सवाल उठाता है।