ट्रंप की चेतावनी से बढ़ेगी हमास की मुश्किलें! बोले- नरक जैसा परिणाम हो सकता है

punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 08:15 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: इजराइल पर 7 अक्टूबर को हुए खूनी हमले के बाद हमले और प्रतिक्रिया का ऐतिहासिक मर्माकर्षक दौर जारी है। हालिया बयान में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐसी भाषा अपनाई है जिसने न केवल क्षेत्रीय तनाव बढ़ा दिया है, बल्कि दुनिया भर में चिंता भी बढ़ा दी है- एक ऐसी चेतावनी जो संभावित परिणामी कार्रवाई की गम्भीरता को उजागर करती है।

ट्रम्प ने कहा कि "हमास कई सालों से मध्य पूर्व में एक क्रूर और हिंसक खतरा रहा है" और 7 अक्टूबर के नरसंहार का ज़िक्र करते हुए उन हमलों के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया की बात कही। उनके अनुसार प्रतिशोधी कार्रवाइयों में अब तक 25,000 से अधिक हमास 'सैनिक' मार दिए गए हैं; बाकी अधिकांश लोग घिरे हुए हैं और सैन्य घेरे में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों को ढूंढना है, उनकी जानकारी मौजूद है और वे अंततः पकड़े या खत्म कर दिए जाएंगे- यह बातें क्षेत्र में अस्थिरता और भय की भावना को और गहरा करती हैं।

इसके साथ ही ट्रम्प ने निर्दोष नागरिकों के लिए एक चेतावनी-सा अनुरोध भी रखा: उन्होंने फ़िलिस्तीन के नागरिकों से कहा कि वे संभावित बड़े पैमाने पर होने वाली मौतों से बचने के लिए गाज़ा के सुरक्षित हिस्सों में चले जाएं। ट्रम्प ने आश्वासन दिया कि मदद के लिए जो लोग इंतजार कर रहे हैं, उनकी देखभाल की जाएगी, और निर्दोषों के लिए कदम उठाए जाएंगे। परंतु उन्होंने हमास के लिए एक "अंतिम मौका" की भी बात कही- एक शर्त जिसमें एक व्यापक समझौते का जिक्र है।

राष्ट्रपति के अनुसार मध्य पूर्व और आसपास के क्षेत्रों के कुछ बड़े और संपन्न राष्ट्रों ने, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मिलकर, एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें इज़राइल भी शामिल है। उन शब्दों में कहा गया कि यह दस्तावेज़ हमास के बचे हुए लड़ाकों की जान भी बख्श सकता है- पर यह तभी संभव होगा जब हमास यह आखिरी मौका स्वीकार कर लें। ट्रम्प ने एक सख्त समय-सीमा भी दी: रविवार शाम छह बजे (वाशिंगटन डी.सी. समयानुकूल) तक हमास के साथ समझौता होना चाहिए; हर देश पहले ही हस्ताक्षर कर चुका है।

ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि यदि यह आखिरी मौका नहीं माना गया तो हमास के ख़िलाफ़ पहले कभी न देखी गई तबाही- एक "नरक जैसा परिणाम"- हो सकता है। उनकी टिप्पणी ने क्षेत्रीय नेताओं और वैश्विक समुदाय में प्रश्न खड़े कर दिए हैं: क्या यह चेतावनी शांति के मार्ग पर आखिरी अवसर है, या इससे बड़े संघर्ष की राह प्रशस्त होगी? वर्तमान में कुछ बंधकों की रिहाई और मृतकों के शवों की स्थिति भी नाज़ुक बनी हुई है।

इस बीच, वैश्विक और क्षेत्रीय कूटनीति के सामने चुनौती यह होगी कि वे कैसे इस तनातनी परिस्थित‍ि को नियंत्रण में रखें और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। ट्रम्प के शब्दों ने समयसीमा और दबाव का एक नया आयाम जोड़ दिया है- जिसके परिणाम आने वाले घंटों और दिनों में साफ़ होंगे।


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News Editor

Parveen Kumar

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