PM मोदी के अमेरिका दौरे के बीच ट्रंप ने फोड़ा नया टैरिफ बम
punjabkesari.in Friday, Feb 14, 2025 - 12:45 AM (IST)
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इंटरनेशल डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि वह एक व्यापारिक आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत अमेरिका अपने व्यापारिक साझेदारों से आयात होने वाली वस्तुओं पर वही शुल्क लगाएगा जो वे अपने अमेरिकी आयात पर लागू करते हैं। ट्रंप ने इस फैसले को "पारस्परिक शुल्क" के रूप में वर्णित किया है, जिसका मतलब है कि अगर कोई देश अपने अमेरिकी आयात पर ऊंचे शुल्क लागू करता है, तो अमेरिका उस देश से आयातित वस्तुओं पर समान शुल्क लगाएगा।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा, "आज का दिन बड़ा है, पारस्परिक शुल्क!!! अमेरिका को फिर से महान बनाएं!!!" इस घोषणा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्हाइट हाउस में होने वाली मुलाकात से कुछ समय पहले किया गया था। हालांकि, ट्रंप ने यह स्पष्ट नहीं किया कि "पारस्परिक" शब्द को वह किस तरह से परिभाषित करते हैं, और उनका यह आदेश किस प्रकार के उत्पादों पर लागू होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि विदेश व्यापार पर शुल्कों में अत्यधिक वृद्धि होती है, तो इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। यह वृद्धि वैश्विक विकास दर को धीमा कर सकती है, और महंगाई में तेज वृद्धि हो सकती है। ट्रंप ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि इससे अमेरिका में विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और इसके चलते घरेलू स्तर पर रोजगार में वृद्धि हो सकती है।
इसके बावजूद, अधिकांश अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस प्रकार के शुल्क अमेरिकी उपभोक्ताओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालेंगे। वे मानते हैं कि अमेरिकी उपभोक्ताओं को इस नीति के परिणामस्वरूप बढ़े हुए उत्पाद शुल्क का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनकी खरीदारी की लागत में वृद्धि हो सकती है। ट्रंप ने पहले ही चीन से आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लागू कर दिया है। इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका के दो सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों, कनाडा और मेक्सिको पर भी शुल्क लगाने की योजना बनाई है, जो कि अगले महीने मार्च में लागू हो सकते हैं। इन शुल्कों को पहले 30 दिनों के लिए निलंबित किया गया था, लेकिन अब यह मार्च से प्रभावी हो सकते हैं।
यह नीति व्यापारिक विवादों को और बढ़ा सकती है, और इससे अन्य देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रकार की नीतियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर सकती हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती हैं। हालांकि ट्रंप का कहना है कि यह कदम अमेरिका के व्यापारिक संतुलन को ठीक करने में मदद करेगा और देश के आर्थिक हितों को बढ़ावा देगा, लेकिन इसकी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संभावित नकरात्मक प्रभावों को लेकर चिंता जताई जा रही है।