पेंगुइनों का अस्तित्व बचाने के लिए ऑस्ट्रेलिया सरकार ने लिया अनोखा फैसला

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2019 - 04:43 PM (IST)

मेलबर्नः दुनियाभर में शिकार और लोगों की लालच के कारण कहीं जंगली जीव विलुप्त होने के कगार पर हैं । कुछ ऐसी ही स्थिति दक्षिणपूर्व ऑस्ट्रेलिया के फिलिप द्वीप पर पेंगुइन के सामने भी आने लगी थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने समय रहते इस खतरे को भांपकर कदम उठाया और आज इसके नतीजे भी नजर आने लगे हैं। ऑस्ट्रेलिया का यह द्वीप दुनिया के सबसे छोटे पेंगुइन की प्रजाति के लिए जाना जाता है। यहां एक वयस्क पेंगुइन की ऊंचाई औसतन 13 इंच तक होती है।

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पिछले 100 साल से यहां के पेंगुइन पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। पर्यटक दिन में मछली पकड़ने और तैराकी के आनंद के बाद शाम का वक्त इन पेंगुइन को देखने में ही बिताते हैं। पेंगुइन के इस इलाके में बड़े पैमाने पर हाउसिंग डेवलपमेंट के लोग भी रहा करते थे। यहां छुट्टियां बिताने के लिए लोगों ने अपने शानदार घर बनवाए हुए थे। पेंगुइन को इन लोगों के बीच ही रहना पड़ता था। यहां गाडि़यां लाने-ले जाने और अन्य पालतू जीवों को लाने पर प्रतिबंध था। इन सब नियमों के बाद भी पेंगुइन की संख्या में लगातार गिरावट आ रही थी।

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1985 में यहां की सरकार ने एक अप्रत्याशित निर्णय लिया। सरकार ने तय किया कि वह एक-एक करके यहां के लोगों की पूरी संपत्ति खरीद लेगी। 2010 तक सरकार ने इस लक्ष्य को हासिल भी कर लिया और यह पूरी जगह पेंगुइन के नाम कर दी। सरकार के इस शानदार निर्णय का असर भी अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। 1980 के आसपास यहां पेंगुइन की संख्या 12,000 के करीब थी, जो अब बढ़कर 31,000 पर पहुंच गई है।

 

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इस कदम का लाभ सरकार को भी मिल रहा है। आज की तारीख में यह जगह वन्यजीव पर्यटन के लिहाज से बेहद लोकप्रिय क्षेत्रों में शुमार है। 2018 में यहां 7,40,000 पर्यटक आए थे। पिछले महीने के आखिर में यहां करोड़ों की लागत से तैयार एक भव्य पर्यटक भवन का भी उद्घाटन किया गया।


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Tanuja

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