गाजा पुनर्निर्माण या रियल एस्टेट सौदा! ट्रंप-दामाद कुशनर की विवादित योजना पर सवाल, प्लान में मानवीय संकट गायब

punjabkesari.in Thursday, Nov 06, 2025 - 06:31 PM (IST)

International Desk: गाजा के पुनर्निर्माण को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके दामाद जेरेड कुशनर की प्रस्तावित योजना विवादों में है। बताया जा रहा है कि “गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन” के नाम पर पेश की गई यह योजना वास्तव में मानवीय मदद से ज्यादा एक विशाल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट जैसी लगती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योजना में गाजा को “मिडिल ईस्टर्न रिवेरा” यानी एक लग्जरी समुद्री व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने की बात की गई है। इसमें सऊदी अरब और इज़राइल जैसे देशों की भागीदारी की संभावना जताई जा रही है। आलोचकों का कहना है कि यह योजना गाजा में पिछले दो वर्षों से जारी मानवीय त्रासदी और लाखों विस्थापित नागरिकों की समस्याओं को अनदेखा करती है। विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रस्ताव गाजा की असली ज़रूरतों  पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य और शांति बहाली  से अधिक व्यावसायिक हितों पर केंद्रित है। वहीं समर्थक इसे “मध्य पूर्व की स्थिरता” के लिए एक संभावित आर्थिक समाधान बता रहे हैं।

 

 ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान से ही उनके दामाद जेरेड कुशनर ने सऊदी अरब और कतर के प्रमुख व्यवसायियों के साथ कारोबारी रिश्ते बनाए थे। इन व्यक्तियों ने उनकी एक रियल एस्टेट कंपनी को मैनहट्टन में वित्तीय सहायता प्रदान की थी और संभवतः इसे दिवालियापन से बचाया था और इस तरह से एक प्रकार से उन्होंने उस कंपनी को सहयोग दिया जिसे उन्होंने (कुशनर ने) अपने ससुर के प्रशासन से इस्तीफा देने के बाद स्थापित किया था। कुशनर अब अमेरिकी सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं और वह केवल एक व्यवसायी हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति के रिश्तेदार भी। पश्चिम एशिया में अमेरिका के विशेष दूत, रियल एस्टेट निवेशक स्टीव विटकॉफ के साथ उनकी राजनयिक भूमिका पूरी तरह से अनौपचारिक है और स्वाभाविक रूप से वह अपनी व्यावसायिक गतिविधियों से संबंधित किसी भी हितों के टकराव के लिए जवाबदेह नहीं हैं।

 

इस कूटनीतिक और व्यापारिक नेटवर्क के बीच का पूरा संलेपन एक राजनैतिक-आर्थिक उलझाव को दर्शाता है, जिसकी तर्कशक्ति गाजा परियोजना के केंद्र में है। कुशनर ने इस योजना को लंबे समय पहले निर्धारित कर दिया था: गाजा का समुद्रतट एक ‘रियल एस्टेट' अवसर को प्रस्तुत करता है। हालांकि इसके निवासियों को कहीं और स्थानांतरित करना होगा, उदाहरण के लिए नेगेव रेगिस्तान कहीं। इस पर चर्चा करने के लिए ट्रंप ने अगस्त 2025 के अंत में व्हाइट हाउस में विटकॉफ़, कुशनर और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को बुलाया था। कुछ विश्लेषकों के अनुसार इस योजना को ‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन' ने विकसित किया, जिसे बाद में वॉशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित किया गया। ‘गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन' के प्रमुख है जॉनी मूर। इसे एक परिष्कृत तकनीकी अभ्यास के रूप में पेश किया गया है, और यह योजना प्रस्तावित शांति समझौते के मसौदे में भी उद्धृत की गई है।

 

यह दस्तावेज़ लगभग 40 स्लाइड्स में बना हुआ है, जो आंकड़ों से भरपूर है लेकिन इसमें चित्रों की कमी है। इसका उद्देश्य पुनर्निर्माण की ‘संभावना' को प्रदर्शित करना है लेकिन इसमें गाजा के निवासियों की मानवीय त्रासदी और राजनीतिक आयाम को नजरअंदाज किया गया है। इसका एकमात्र ध्यान इस विशाल परियोजना से मिलने वाले वित्तीय लाभ पर है।  यह दस्तावेज अपने नैतिक मूल्य के कारण ध्यान देने योग्य नहीं है लेकिन यह दर्शाता है कि कैसे वित्तीय पूंजीवाद अब सामाजिक जीवन के व्याकरण को निर्धारित करता है। ट्रंप की ‘‘शांति परियोजना'' वैश्वीकरण के व्यावसायिक शांतिवाद की जगह रोमन-प्रेरित ‘पैक्स इम्पीरियलिस' को स्थापित करती है: पहले विध्वंस, फिर लाभ। यह मॉडल, कुशनर के खाड़ी क्षेत्र के रियल एस्टेट सौदों की याद दिलाता है, जो गाजा को एक भू-राजनीतिक और शहरी पुनर्विकास स्थल के रूप में देखता है, न कि एक आबाद जगह के रूप में। 


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Content Writer

Tanuja

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