युद्ध की ओर बढ़ते कदम? ईरान और इजराइल के हमले चौथे दिन भी जारी
punjabkesari.in Monday, Jun 16, 2025 - 10:51 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः सोमवार, 16 जून 2025 को इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष चौथे दिन भी जारी रहा। इस दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले तेज़ कर दिए हैं, जिससे मध्य पूर्व में युद्ध की आशंका और बढ़ गई है।
ईरान के मिसाइल हमले: तेल अवीव और हाइफा पर हमला
ईरान ने सोमवार को इस्राइल के प्रमुख शहरों तेल अवीव और हाइफा पर मिसाइल हमले किए। इस हमले में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने इस हमले को "प्रतिशोध" बताया है। ईरान के अधिकारियों ने दावा किया है कि इन हमलों से इजराइल की सैन्य क्षमताओं को गंभीर नुकसान हुआ है।
इस्राइल की जवाबी कार्रवाई: ईरानी सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले
इजराइल ने ईरान के कुद्स फोर्स के मिसाइल साइटों और कमांड सेंटरों पर हवाई हमले किए हैं। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन हमलों को ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए आवश्यक बताया है। हालांकि, इन हमलों के परिणामस्वरूप ईरान की सैन्य क्षमताओं में महत्वपूर्ण गिरावट आई है।
तेहरान में नागरिकों को निकासी की चेतावनी
इजराइल ने तेहरान के एक उत्तर-पूर्वी जिले के नागरिकों को तत्काल निकासी की चेतावनी दी है। इस चेतावनी में कहा गया है कि ईरान के सैन्य ठिकानों पर आगामी हमलों के कारण नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इससे पहले, ईरान ने इस्राइल के प्रमुख शहरों पर मिसाइल हमले किए थे, जिसमें कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए हैं।
संघर्ष में अब तक मौतें
ईरान और इस्राइल के बीच इस संघर्ष में अब तक कम से कम 224 ईरानी नागरिकों और 24 इजराइली नागरिकों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े ईरानी स्वास्थ्य अधिकारियों और इजराइली सरकारी सूत्रों से प्राप्त हुए हैं।
वैश्विक प्रतिक्रिया और चिंता
संघर्ष के चौथे दिन भी बढ़ते तनाव के बीच, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अन्य देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और संघर्ष को समाप्त करने की अपील की है। अमेरिका ने इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली को मजबूत किया है, जबकि चीन और तुर्की जैसे देशों ने मध्यस्थता की पेशकश की है। हालांकि, दोनों देशों के बीच युद्धविराम की कोई संभावना फिलहाल नहीं दिखती है।
यह संघर्ष न केवल इजराइल और ईरान के लिए, बल्कि पूरे मध्य पूर्व और वैश्विक समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका इस संघर्ष को समाप्त करने में महत्वपूर्ण होगी।