ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी हुए एक्टिव, जैश और हिजबुल ने यहां बनाया नया अड्डा

punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 05:48 AM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में कम से कम नौ बड़े आतंकी ठिकानों को तबाह करने के बाद, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिद्दीन (HM) ने अपने मुख्य ठिकानों को अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (KPK) प्रांत में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। यह कदम पाकिस्तान सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियों की सीधी सहायता से किया जा रहा है, जैसा कि विभिन्न सूत्रों और वीडियो फुटेज से पता चला है।

मानसेहरा में JeM की बड़ी रैली और आतंकियों की भर्ती

14 सितंबर को KPK के मानसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह कस्बे में जैश-ए-मोहम्मद ने एक बड़ी रैली का आयोजन किया, जिसे धार्मिक सभा का रूप दिया गया था लेकिन इसका असली मकसद नए आतंकियों की भर्ती करना था। इस रैली में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) भी सक्रिय रूप से शामिल थी।

रैली में JeM के शीर्ष कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी उर्फ़ अबू मोहम्मद ने युवाओं को संबोधित करते हुए ओसामा बिन लादेन को “इस्लाम का शहीद” और “अरब का राजकुमार” बताया। उन्होंने कहा कि भारत की सेना द्वारा बहावलपुर स्थित मरकज सुब्हान अल्लाह में मसूद अजहर के परिवार के मारे जाने से पाकिस्तानी सेना और सरकार जिहाद की साझेदार बन गई हैं।

प्रशिक्षण और कैंप का विस्तार

सूत्रों के अनुसार, JeM मानसेहरा में अपने पुराने कैंप “मरकज शोहदा-ए-इस्लाम” का विस्तार कर रहा है और वहां भर्ती किए गए आतंकियों को प्रशिक्षण दे रहा है। JeM अब खुद को “अल-मुराबितून” के नाम से भी परिचित करा रहा है ताकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से बचा जा सके।

इसी बीच हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भी KPK के लोअर दिर जिले के बंडाई इलाके में नया कैंप “HM 313” स्थापित किया है। इस कैंप का संचालन पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान कर रहे हैं। “313” का नाम इस्लामी इतिहास की बदर की लड़ाई और अल-कायदा की ब्रिगेड 313 से जुड़ा है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है।

खैबर पख्तूनख्वा को आतंकियों का नया सुरक्षित ठिकाना

भारत की सटीक सैन्य कार्रवाई के बाद PoK में आतंकियों के ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाने के कारण अब ये आतंकी KPK प्रांत को अपना सुरक्षित ठिकाना मानने लगे हैं। KPK अफगानिस्तान की सीमा से लगा हुआ है, जहां पहले से ही कई जिहादी नेटवर्क सक्रिय हैं। इस इलाके की भौगोलिक स्थिति आतंकवादियों को नए सिरे से सक्रिय होने का मौका देती है।

सूत्रों के मुताबिक, आने वाले समय में JeM और HM इस क्षेत्र को अपना “रियर कमांड जोन” बनाएंगे और PoK को “फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस” के रूप में इस्तेमाल करेंगे, जिससे भारत के खिलाफ हमलों को फिर से संगठित करने में मदद मिलेगी।


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Content Writer

Pardeep

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