खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने कबूला, कनाडा के PM ट्रूडो से हैं मेरे सीधे रिश्ते, भारत के खिलाफ दी जानकारी

punjabkesari.in Wednesday, Oct 16, 2024 - 09:35 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ अपने सीधे संबंध होने का बड़ा खुलासा किया है। पन्नू, 'सिख्स फॉर जस्टिस' संगठन का प्रमुख है और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के कारण प्रतिबंधित है। आतंकी पन्नू ने दावा किया कि उसने भारत के खिलाफ जानकारी कनाडाई PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) को दी, जिस पर ट्रूडो ने कार्रवाई की। 

कनाडाई प्रसारण नेटवर्क एक न्यूज चैनल पर दिए गए एक इंटरव्यू में पन्नू ने कहा कि वह पिछले 2-3 सालों से ट्रूडो के पीएमओ के संपर्क में था। उसने दावा किया कि उसने भारतीय राजनयिकों और जासूस नेटवर्क के बारे में जानकारी दी, जो कनाडा में खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार थे। पन्नू ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय एजेंटों को लॉजिस्टिक और खुफिया समर्थन प्रदान किया था, जिसने निज्जर की हत्या को अंजाम दिया। 

यह कबूलनामा ट्रूडो के हालिया बयान से मेल खाता है, जिसमें उन्होंने भारत पर कनाडा में हिंसक घटनाओं और हत्याओं में शामिल होने का आरोप लगाया था। हालांकि, न तो कनाडाई पुलिस और न ही प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इन आरोपों के समर्थन में ठोस सबूत पेश किए हैं।

इस बीच, भारत ने 14 अक्टूबर 2024 को कनाडा से अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा सहित कुछ अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया। यह कदम तब उठाया गया जब कनाडा ने वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों को 'आरोपित व्यक्तियों' की सूची में शामिल किया। इसके अलावा, भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को भी देश से निष्कासित कर दिया है।


पन्नू ने अपनी बातचीत में इंडो-कैनेडियन समुदाय पर भी निशाना साधा और उन पर कनाडाई संविधान के प्रति वफादार न होने का आरोप लगाया। उसने कहा कि भारत से जुड़े लोग कनाडाई संविधान के प्रति वफादार नहीं हैं और मोदी सरकार का समर्थन करने वाले इंडो-कैनेडियन संगठनों या सांसदों ने इस मामले पर खुलकर कुछ नहीं कहा।

पन्नू ने पहले भी इंडो-कैनेडियन हिंदुओं को धमकाया था, जिसमें उसने उन्हें कनाडा छोड़कर भारत वापस जाने को कहा था। पन्नू के इस तरह के बयानों से कनाडा में भारतीय समुदाय के प्रति असुरक्षा की भावना बढ़ी है और दोनों देशों के संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।


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Pardeep

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