पाकिस्तान में फूटा महंगाई बम, सरकार ने गैस कीमतों में की 235 फीसदी वृद्धि

punjabkesari.in Saturday, Jul 09, 2022 - 12:07 PM (IST)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में शहबाज शरीफ सरकार भी जनता को महंगाई से राहत दिलाने में नाकामयाब साबित हो रही है। आर्थिक मंदहाली की गर्त में डूब चुके पाकिस्तान की जनता ईंधन की कीमतों में बेताहाशा वृद्धि से बदहाल हो रही है। शहबाज सरकार ने बेचारी जनता पर महंगाई का नया बम फोड़ते हुए  1 जुलाई से प्राकृतिक गैस (LPG) की कीमतों में 43 प्रतिशत से 235 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है।  इस वृद्धि के जरिए अधिकांश घरेलू और अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं से सरकार 660 अरब पाकिस्तानी रुपये (PKR) वसूलेगी।

 

देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच बीते 11 महीनों में पाकिस्तान सरकार का कुल कर्ज 15.3 फीसदी बढ़ गया है।  डॉन की रिपोर्ट में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के हवाले से बताया गया है कि जून 2021 में सरकार का कुल कर्ज 38.704 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए था, जो मई में बढ़कर 44.638 ट्रिलियन हो गया। 
पेट्रोलियम राज्यमंत्री मुसादिक मलिक ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "लगभग आधे घरेलू उपभोक्ताओं को गैस की कीमतों में उछाल से बचाया गया है, लेकिन उच्च वर्ग पर बोझ काफी बढ़ गया है।" यह फैसला पाकिस्तान की कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने लिया। ECC ने उन घरेलू उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक बोझ डाला, जिनकी मासिक गैस खपत चार क्यूबिक मीटर तक है। 

 

अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, उन्हें अब पांच क्यूबिक मीटर गैस उपभोक्ताओं के साथ जोड़ा गया है। उनके लिए मौजूदा कीमतों से 154 प्रतिशत की वृद्धि होगी। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने कहा, "ईसीसी ने पीकेआर 100 की प्रस्तावित दरों के मुकाबले निर्यात और गैर-निर्यात उद्योग (कैप्टिव पावर) के लिए गैस दरों को और कम करने के निर्देश के साथ उपभोक्ता गैस बिक्री कीमतों में प्रस्तावित संशोधन को मंजूरी दे दी।"पेट्रोलियम राज्यमंत्री ने कहा कि कीमतों में वृद्धि का उद्देश्य गैस क्षेत्र में सर्कुलर लोन को बढ़ाने से रोकना है. मुसादिक ने कहा, "कीमतों में अधिक वृद्धि का उद्देश्य इस वित्तीय वर्ष में गैस क्षेत्र में ऋण की बढ़त रोकना है। "

 

बता दें पाकिस्तान में 2018 से ऊर्जा कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध ने पूरी दुनिया में गैस की कीमतों में इजाफा किया है।  वित्तीय क्षेत्र, बजट और वास्तविक अर्थव्यवस्था पर इससे भार पड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, मूल्य समायोजन में विलंब, डिफर्ड पेमेंट, प्रमुख निवेश को रोके रखना और गैर-लक्षित सब्सिडी देने सहित कई कारण हैं। देश में बिगड़ते आर्थिक हालात के बीच बीते 11 महीनों में पाकिस्तान सरकार का कुल कर्ज 15.3 फीसदी बढ़ गया है।

 

 डॉन अखबार ने बताया है कि जून 2021 में सरकार का कुल कर्ज 38.704 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपए था, जो मई में बढ़कर 44.638 ट्रिलियन रुपए हो गया। पाकिस्तान सरकार का घरेलू कर्ज और देनदारियां जून 2021 में जहां 26.968 ट्रिलियन रुपए थीं, वहीं मई 2022 में यह बढ़कर 29.850 ट्रिलियन रुपए हो गईं। पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, घरेलू लोन अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक गंभीर समस्या का कारण बनता है क्योंकि अधिकांश राजस्व का उपयोग ऋणों की अदायगी के लिए किया जाता है। 

 

 


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Content Writer

Tanuja

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