दक्षिण चीन सागर बड़े देशों के बीच युद्ध का मैदान नहीं बनना चाहिए: विडोडो

punjabkesari.in Saturday, Dec 10, 2016 - 04:54 PM (IST)

बोगोर(इंडोनेशिया):इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने आज कहा कि दक्षिण चीन सागर(एससीएस)बड़े देशों के बीच युद्ध का मैदान नहीं बनना चाहिए और साथ ही कहा कि इंडोनेशिया मुद्दे के शांतिपूर्ण हल के लिए विवाद में शामिल देशों के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा,‘‘हम नहीं चाहते कि क्षेत्र बड़े देशों के बीच युद्ध का मैदान बने।अगर क्षेत्र में कोई संघर्ष होता है तो उसकी बड़ी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ सकती है।’’

राष्ट्रपति ने दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक एससीएस में शांति के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि ‘‘सभी विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए।कूटनीतिक एवं कानूनी प्रक्रियाओं का हमेशा सम्मान होना चाहिए।चीन सामरिक रूप से महत्वपूर्ण करीब करीब पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है।एससीएस के रास्ते वैश्विक नौपरिवहन का बड़ा हिस्सा गुजरता है।

चीन ने अपना दावा मजबूत करने के लिए क्षेत्र में हवाईपट्टियों सहित कृत्रिम द्वीपों का निर्माण किया है।इनमें से कुछ हवाईपट्टियां सैन्य इस्तेमाल के उपयुक्त हैं।फिलीपीन,ताइवान,बु्रनेई, मलेशिया और वियतनाम भी एससीएस के हिस्सों पर अपना दावा करते हैं।क्षेत्र में तेल एवं गैस का बड़ा भंडार होने की बात कही जाती है।जोकोवी के नाम से जाने जाने वाले राष्ट्रपति विडोडो ने कहा कि इंडानेशिया एससीएस पर अपना दावा नहीं करता लेकिन यह मुद्दा जटिल है।अगले हफ्ते निर्धारित भारत की यात्रा से पहले उन्होंने कहा,‘‘मेरा मानना है कि विवाद में शामिल देश इस समस्या का हल कर सकते हैं।इंडोनेशिया मध्यस्थता के लिए तैयार है।’’विडोडो ने कहा,‘‘इंडोनेशिया इन समस्याओं को संघर्ष का स्रोत बनने देने से रोकने के लिए सक्रियता से काम कर रहा है क्योंकि क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता बनी रहनी चाहिए।’’ 


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