अफगान संकट की जिम्मेदारी से बचने के लिए पाक ISI ने किया ISKP का गठन: थिंक टैंक
punjabkesari.in Sunday, Aug 29, 2021 - 03:59 PM (IST)
इंटरनेशनल डेस्कः एक अर्मेनियाई थिंक टैंक ने कहा कि इस्लामिक स्टेट-खोरासान प्रांत (ISKP) जिसने भीषण काबुल हमले की जिम्मेदारी ली है, कुख्यात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी-ISI की एक "चतुर रचना" है। मिरर-स्पेक्टेटर में एक लेख में अर्मेनियाई नेटवर्क स्टेट थिंक टैंक ने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान में हाल ही में बढ़ते संकट की जिम्मेदारी से बचने के लिए ISKP गठन बनाया है। रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने ISKP संगठन में नेतृत्व के पदों पर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के गुर्गों को शामिल किया है।
थिंक टैंक ने कहा, "ISKP पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की ही इकाई है जो उसने अफगािनस्तान के हालात की जिम्मेदारी से बचने के लिए बनाई क्योंकि क्योंकि तालिबान द्वारा जो कुछ भी किया जा रहा था उसके लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया जा रहा था।" संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट में पहले ही ISIS-K और हक्कानी नेटवर्क के कनेक्शन की बात भी की गई थी। हक्कानी नेटवर्क इस वक्त तालिबान के साथ मिलकर अफगानिस्तान पर कब्जा कर चुका है। लेकिन सच्चाई ये है कि हक्कानी नेटवर्क के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का दिमाग और पैसा लगा है ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर धमाका करने वालों के तार सीधे ISI से जुड़ते हैं।
UNSC की रिपोर्ट में बताया गया था कि कुनार और नांगरहार इलाके में करीब 1500 से 2000 आतंकी ISIS-K के लिए काम करते हैं। इनमें अधिकतर पाकिस्तानी और अफगान नागरिक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2020 के बाद शाहाब अल मुजाहिर की अगुवाई में ISIS-K ने एक बार फिर अपने लड़ाकों को तैयार करना शुरू किया था। ये रिपोर्ट इसी साल जारी की गई थी। अब "अफगानिस्तान में पाकिस्तानी परियोजना लगभग सफल हो गई है जिसमें एक पाकिस्तानी प्रॉक्सी तालिबान 'अच्छा लड़का' बन गया है और दूसरा पाकिस्तानी प्रॉक्सी ISKP 'बैड बॉय' बन गया है। काबुल हवाई अड्डे पर नवीनतम हमला इस तथ्य का संकेत है कि ISKP का ऑपरेशन भारत में शुरू किया गया है।
बता दें कि गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे पर एक आत्मघाती ब्लास्ट और कई ISIS-K बंदूकधारियों के हमले में 13 अमेरिकी सेनिकों और कम से कम 169 अफगान नागरिकों की मौत हो गई । हमले के तुरंत बाद आईएसकेपी जिम्मेदारी लेने के लिए आगे आया। अमाक नाम के ISKP के एक कमांडर ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक बयान जारी किया जिसमें उसने दावा किया कि एक आत्मघाती हमलावर, अब्दुल रहमान अल-लोगारी, अमेरिकी सैनिकों, अनुवादकों और सहयोगियों के एक समूह के पास पहुंचने में कामयाब रहा और उसने अपने विस्फोटकों को उड़ा दिया।