दुर्लभ बीमारी मंकीपॉक्स का वायरस सिंगापुर तक पहुंचा, शादी में खाया बुशमीट बना कारण

punjabkesari.in Friday, May 10, 2019 - 03:37 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः  सिंगापुर में मंकीपॉक्स का अब तक का पहला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि एक नाइजीरियाई व्यक्ति इस बीमारी को लेकर आया जो एक शादी में बुशमीट खाकर इस दुर्लभ वायरस के संपर्क में आया। गौरतलब है कि उष्णकटिबंधीय जंगलों में भोजन के तौर पर खाए जाने वाले गैर पालतू स्तनधारियों, सरीसृपों, उभयचरों और पक्षियों के मांस को बुशमीट कहते हैं। मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में महामारी का रूप ले चुके मंकीपॉक्स के मनुष्यों में मिलने वाले लक्षणों में आघात, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगना शामिल है। बता दें कि  पिछले दिनों इंग्लैंड में मंकीपॉक्स के 3 मामले सामने आने पर दुनियाभर के स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक चिंतित हैं।
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आमतौर पर यह बीमारी जानलेवा नहीं होती लेकिन दुर्लभ मामलों में जानलेवा भी हो सकती है। शहर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार देर शाम एक बयान में कहा कि जो व्यक्ति यह वायरस लेकर आया वह 28 अप्रैल को सिंगापुर पहुंचा था।मंत्रालय ने बताया कि 38 वर्षीय व्यक्ति को दो दिन बाद इसके लक्षण दिखाई दिए और अभी उसे स्थिर हालत में एक संक्रामक रोग केंद्र में अलग-थलग रखा गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘हालांकि इसके फैलने का खतरा कम है लेकिन फिर भी स्वास्थ्य मंत्रालय एहतियात बरत रहा है।''
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क्या है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है, जिसका खतरा दुनिया के कई देशों में मंडरा रहा है। चूंकि मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है इसलिए ये आसानी से विश्व के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में पहुंच सकती है। एक दूसरे को छूने, छींक के संपर्क में आने या एक दूसरे की वस्तुओं के इस्तेमाल से ये बीमारी तेजी से फैलती है। मंकीपॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाली बीमारी है।

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कहां से फैली
यह सबसे पहले अफ्रीकी जंगलों में पाई गई थी। इसके पहले नाइजीरिया में 2017 में इस बीमारी के लक्षण देखे गए थे। छींकने, खांसने और छूने से फैलने के कारण ये बीमारी तेजी से बहुत बड़े समूह में फैल जाती है। मंकीपॉक्स के लक्षण फ्लू से मिलते जुलते हैं और फ्लू की ही तरह ये बीमारी भी संक्रामक होती है।

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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स जानवरों से फैलता है, खासकर बंदर इस बीमारी को इंसानों में तेजी से फैलाते हैं। ये एक संक्रामक बीमारी है इसलिए संक्रमित व्यक्ति को छूने, उसकी छींक या खांसी के संपर्क में आने, उसके मल के संपर्क में आने या उसकी वस्तुओं को इस्तेमाल करने से ये बीमारी दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। मंकीपॉक्स के ज्यादातर केस में ये अपनी कुछ हफ्तों बाद खुद ही ठीक हो जाती है, हालांकि अगर ये ज्यादा गंभीर रूप ले ले तो परिणाम भयंकर होते हैं।


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Tanuja

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