पुतिन का बड़ा ऐलान: रूस ने बना ली सबसे खतरनाक मिसाइल, अमेरिका-यूरोप में बढ़ी हलचल
punjabkesari.in Saturday, Aug 02, 2025 - 06:10 AM (IST)

मॉस्को/कीव: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को घोषणा की कि रूस ने एक नई और बेहद खतरनाक हाइपरसोनिक मिसाइल 'ओरेशनिक' तैयार कर ली है और इसे अब सेना को सौंपा जा चुका है। पुतिन के इस ऐलान से यूरोप और अमेरिका में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि यह मिसाइल इतनी तेज और ताकतवर है कि एक ही वार में यूरोप या अमेरिका के कई शहरों को निशाना बना सकती है।
क्या है 'ओरेशनिक' हाइपरसोनिक मिसाइल?
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गति (Speed): यह मिसाइल मैक 10 की रफ्तार से उड़ती है, यानी लगभग 12,300 किमी/घंटा।
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रेंज (Range): इसकी मारक क्षमता 1,000 से 5,500 किमी तक है।
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ताकत: यह मिसाइल परमाणु हथियार (nuclear warheads) ले जाने में सक्षम है।
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टारगेट: इतनी रेंज में यूरोप और अमेरिका के पूर्वी हिस्से आसानी से आ सकते हैं।
क्यों है यह मिसाइल इतनी खतरनाक?
यह मिसाइल ऊपरी वायुमंडल में तेज़ी से उड़ती है, जिससे इसे ट्रैक करना और रोकना बेहद मुश्किल होता है।
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यह आम रडार और एयर डिफेंस सिस्टम जैसे: THAAD, Aegis, SM-3 ब्लॉक 2A, आदि को चकमा देने में माहिर है।
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कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि Arrow-3 और Aegis Ashore जैसे सिस्टम इसे कुछ हद तक रोक सकते हैं, लेकिन इसकी सफलता की संभावना कम रहती है।
कहां तैनात हो सकती है यह मिसाइल?
पुतिन ने कहा कि जल्द ही बेलारूस को भी यह मिसाइल दी जा सकती है। रूस और बेलारूस के विशेषज्ञ मिलकर इसके तैनाती स्थल तय कर रहे हैं। इससे नाटो देशों की सीमाओं के पास रूस की सैन्य ताकत और मजबूत हो जाएगी।
यूक्रेन युद्ध पर भी दिया बड़ा बयान
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पुतिन ने कहा कि रूस की सेना यूक्रेन में लगातार आगे बढ़ रही है, खासकर: डोनेट्स्क, लुगांस्क, जापोरोज़े, खेरसॉन क्षेत्रों में।
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रूस ने चासोव यार जैसे अहम यूक्रेनी गढ़ों पर भी कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा, "हम किसी दूसरे देश की ज़मीन पर कब्ज़ा नहीं कर रहे, बल्कि अपने क्षेत्रों को वापस ले रहे हैं।"
क्या बातचीत का रास्ता खुला है?
पुतिन ने कहा, "मॉस्को हमेशा शांति वार्ता के लिए तैयार है," लेकिन यह ईमानदारी और शांति की मंशा पर आधारित होनी चाहिए।
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कुछ समय पहले तुर्की के इस्तांबुल में रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत हुई थी। इस दौरान युद्धबंदी, शहीदों के शवों की अदला-बदली और तीन संयुक्त कार्य समूहों के गठन पर चर्चा हुई थी।
क्यों डरे हुए हैं यूरोप और अमेरिका?
अमेरिका और यूरोप को डर है कि अगर यह मिसाइल बेलारूस में तैनात हो गई, तो उनके बड़े शहर सीधे निशाने पर आ सकते हैं। पश्चिमी देशों का कहना है कि हाइपरसोनिक मिसाइलें परंपरागत डिफेंस सिस्टम से नहीं रोकी जा सकतीं।अमेरिका पहले ही रूस और चीन की हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी को लेकर अपनी सुरक्षा रणनीति में बदलाव कर रहा है।