अमेरिका के कारोबारी समुदाय से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा: भारत को लेकर आशावाद साफ नजर आया
punjabkesari.in Wednesday, Sep 28, 2022 - 11:21 AM (IST)
वाशिंगटन, 28 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका में कारोबारी समुदाय के साथ बैठक के बाद कहा कि यहां भारत को लेकर आशा और विश्वास का भाव स्पष्ट नजर आ रहा था।
जयशंकर ने अमेरिका भारत कारोबार परिषद (यूएसआईबीसी) के सदस्यों और विभिन्न व्यवसायों से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘भारत को लेकर विश्वास और आशा का भाव स्पष्ट नजर आया। सभी इस बात से सहमत थे कि मजबूत कारोबारी संबंधों से हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे।’’ यूएसआईबीसी के अध्यक्ष अतुल कश्यप ने जयशंकर का आभार प्रकट किया और कहा कि परिषद के सदस्यों के साथ उनका संवाद बहुत ही उपयोगी और मार्गदर्शक रहा।
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संवाददाताओं से कहा कि भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और इनके बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष 157 अरब डॉलर का रहा है।
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘भारत के लिए हम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सबसे बड़े स्रोत हैं और गूगल से लेकर माइक्रोसॉफ्ट, व्हर्लपूल, बोइंग, जीई समेत कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में 45 अरब डॉलर का निवेश किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी वृद्धि की और संभावनाएं हैं और इसे इस तरह से करना है कि दोनों देशों के लोगों के लिए रोजगारों का सृजन हो। अमेरिका-भारत वाणिज्यिक संवाद, अमेरिका-भारत सीईओ फोरम के जरिए आने वाले महीनों में हमें और अवसर मिलेंगे।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
जयशंकर ने अमेरिका भारत कारोबार परिषद (यूएसआईबीसी) के सदस्यों और विभिन्न व्यवसायों से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक के बाद ट्वीट किया, ‘‘भारत को लेकर विश्वास और आशा का भाव स्पष्ट नजर आया। सभी इस बात से सहमत थे कि मजबूत कारोबारी संबंधों से हमारे संबंध और भी मजबूत होंगे।’’ यूएसआईबीसी के अध्यक्ष अतुल कश्यप ने जयशंकर का आभार प्रकट किया और कहा कि परिषद के सदस्यों के साथ उनका संवाद बहुत ही उपयोगी और मार्गदर्शक रहा।
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने संवाददाताओं से कहा कि भारत के लिए अमेरिका सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और इनके बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले वर्ष 157 अरब डॉलर का रहा है।
ब्लिंकन ने कहा, ‘‘भारत के लिए हम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सबसे बड़े स्रोत हैं और गूगल से लेकर माइक्रोसॉफ्ट, व्हर्लपूल, बोइंग, जीई समेत कई अमेरिकी कंपनियों ने भारत में 45 अरब डॉलर का निवेश किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी वृद्धि की और संभावनाएं हैं और इसे इस तरह से करना है कि दोनों देशों के लोगों के लिए रोजगारों का सृजन हो। अमेरिका-भारत वाणिज्यिक संवाद, अमेरिका-भारत सीईओ फोरम के जरिए आने वाले महीनों में हमें और अवसर मिलेंगे।’’
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