पाक की शीर्ष अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री के चुनाव से संबंधित मामले की सुनवाई शुरू की

punjabkesari.in Tuesday, Jul 26, 2022 - 09:34 AM (IST)

इस्लामाबाद, 25 जुलाई (भाषा) पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के चुनाव से संबंधित अहम मामले की सुनवाई सोमवार को शुरू कर दी। वहीं देश की गठबंधन सरकार ने शीर्ष अदालत से इस मामले की सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ गठित करने की गुजारिश की है।

प्रधान न्यायाधीश उमर अता बांदियाल, न्यायमूर्ति एजाज़ अहसान और न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर की पीठ चौधरी परवेज़ इलाही की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे।

इलाही को पंजाब प्रांत की विधानसभा में 186 मत मिले थे जबकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग -नवाज़ (पीएमएल-एन) के प्रत्याशी हमज़ा शहबाज़ को 179 वोट प्राप्त हुए थे लेकिन सदन के उपाध्यक्ष दोस्त मोहम्मद मज़ारी ने इलाही की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) के विधायकों के वोट खारिज कर दिए।

पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन ने अपनी पार्टी के विधायकों को हमज़ा को वोट देने की हिदायत दी थी जो प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के बेटे हैं। इस वजह से मज़ारी ने पीएमएल-क्यू के मतों की गिनती कराने से इनकार कर दिया।

पंजाब प्रांत में अप्रैल से ही राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है। इसने शुक्रवार को तब नया मोड़ ले लिया जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने इलाही को अपना समर्थन दे दिया। हालांकि उन्हें विजेता घोषित नहीं किया गया।

मज़ारी ने अपने फैसले में कहा कि पीएमएल-क्यू के प्रमुख चौधरी हुसैन ने इलाही समेत पार्टी के 10 विधायकों को हमज़ा को वोट देने का निर्देश दिया था लेकिन उन्होंने निर्देश का उल्लंघन किया और अनुच्छेद 63-ए की उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई व्याख्या की वजह से उनके मतों की गणनी नहीं की गई।

इलाही ने इस फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है और अदालत ने शनिवार को अपने संक्षिप्त आदेश में हमज़ा को ‘ट्रस्टी’ मुख्यमंत्री बने रहने को कहा तथा ऐलान किया कि मामले की सुनवाई सोमवार को होगी।

शीर्ष अदालत के आदेश पर गठबंधन सरकार ने असहमति जताई। उसने सोमवार को इसकी आलोचना करते हुए पूर्ण पीठ के गठन की मांग की।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़, विदेश मंत्री एवं पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो-ज़रदारी, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) के नेता मौलाना फज़ल-उर-रहमान और गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। यह प्रेस वार्ता पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर हमज़ा शहबाज़ के पुन:चुनाव पर शीर्ष अदालत में अहम सुनवाई से पहले की गई है।

संवाददाता सम्मेलन में सत्तारूढ़ नेताओं ने उच्चतम न्यायालय में अविश्वास व्यक्त किया और कहा कि ‘मैच फिक्सिंग’ की तरह ही ‘बेंच फिक्सिंग’ भी जुर्म है। उन्होंने शीर्ष अदालत से आग्रह किया कि वह एक तरफा फैसले लेने के लिए ‘विशिष्ट पीएमएल-एन विरोधी पीठ’ गठित करने से बचे।

मामले की सुनवाई कर रही पीठ में शामिल तीन न्यायाधीश उन पांच न्यायाधीशों में से हैं जिन्होंने अप्रैल में नेशनल असेम्बली के तत्कालीन उपाध्यक्ष कासिम सूरी के उस फैसले को खारिज किया था जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को रद्द किया गया था।
वहीं, एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की खबर के मुताबिक, अदालत ने सुरक्षा चिंताओं की वजह से राजनीतिक नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। अखबार ने सूत्रों के हवाले से दी गई खबर में बताया है कि राजनीतिक दलों को पहले जारी पास भी रद्द कर दिए गए हैं तथा मामले के पक्षकार और उनके वकीलों को अदालत में जाने की इजाजत है।

अदालत के चारों ओर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है जहां बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है। पुलिस की मदद के लिए अर्द्धसैनिक रेंजर्स और फ्रंटियर कोर के जवान भी मौजूद हैं।




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PTI News Agency

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