अमेरिकी सेना के पूर्व सदस्य ने रूस के लिए जासूसी करने के आरोपों को कबूला

punjabkesari.in Thursday, Nov 19, 2020 - 11:13 AM (IST)

वाशिंगटन, 19 नवंबर (भाषा) अमेरिकी सेना के विशेष बल के एक पूर्व सदस्य ने बुधवार को रूसी खुफिया संचालकों के साथ साजिश रचने और उन्हें अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जानकारी प्रदान करने के आरोपों को स्वीकार कर लिया।
अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी सेना के एक पूर्व सदस्य, 45 वर्षीय पीटर राफेल डिजिबिन्सकी डेबिंस ने दिसंबर 1996 से लेकर जनवरी 2011 तक रूसी खुफिया सेवा के एजेंटों के साथ साजिश रची थी।
उस अवधि के दौरान, डेबिंस ने समय-समय पर रूस का दौरा किया और रूसी खुफिया एजेंटों के साथ मुलाकात की। 1997 में, उन्हें रूसी खुफिया एजेंटों ने एक कोड नाम दिया था और उन्होंने एक बयान पर हस्ताक्षर किए जिसमें उन्होंने कहा था कि वह रूस की सेवा करना चाहते हैं।
अदालत के समक्ष रखे गए दस्तावेजों के अनुसार, साजिश के दौरान, डेबिंस ने रूसी खुफिया एजेंटों को वह सब जानकारी प्रदान की जो उन्हें अमेरिकी सेना के एक सदस्य के रूप में हासिल की थी। उन्होंने अपने रासायनिक और विशेष बलों की इकाइयों के बारे में भी जानकारी दी थी।
2008 में, सक्रिय सेवा से निकलने के बाद, डेबिन्स ने रूसी खुफिया एजेंटों को विशेष खुफिया बलों के साथ काम करने के दौरान की अपनी पिछली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि डेबिंस ने अपने पूर्व विशेष बल टीम के सदस्यों की संख्या के बारे में जानकारी दी और उनके नाम भी बताए ताकि (रूसी) एजेंट यह पता लगा सकें कि क्या वे टीम के सदस्यों से संपर्क कर सकते हैं, जो रूसी खुफिया सेवा के साथ सहयोग करें।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल जॉन डिमर्स ने कहा, ‘‘डेबिंस ने आज स्वीकार किया कि उन्होंने रूस को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी देकर इस देश के सर्वोच्च विश्वास को तोड़ा है।’’ उन्होंने कहा, “डेबिंस ने अमेरिका को नुकसान पहुंचाने और रूस की मदद करने के इरादे से अपनी शपथ को तोड़ा है, अपने देश और विशेष सुरक्षा बल की अपनी टीम के सदस्यों के साथ विश्वासघात किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘डेबिंस का कबूलनामा रूस सहित हमारे विरोधियों द्वारा उत्पन्न राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे का मुकाबला करने के लिए विभाग के निरंतर प्रयास में एक और सफलता को दर्शाता है।’’ डेबिंस को 26 फरवरी, 2021 को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें अधिकतम उम्रकैद की सजा हो सकती है।


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PTI News Agency

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