भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों ने फ्लॉयड की मौत और अमेरिका में नस्ली भेदभाव पर नाराजगी जताई

punjabkesari.in Tuesday, Jun 02, 2020 - 04:27 PM (IST)

वाशिंगटन, दो जून (भाषा) अमेरिका में भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टरों के एक प्रभावशाली समुदाय ने जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में हत्या और अमेरिका में नस्ली भेदभाव के लंबे इतिहास पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नस्ली भेदभाव और हिंसा की निंदा की।

रेस्तरां में काम करने वाले अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के 46 वर्षीय फ्लॉयड की मिनियापोलिस में सोमवार को मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस कर्मी ने उसे जमीन पर गिरा कर उसकी गर्दन घुटने से दबाए रखा था।

वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि पुलिस कर्मी ने फ्लॉयड की गर्दन को घुटने से दबा रखा है और फ्लॉयड को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।

इस घटना के बाद पूरे अमेरिका में विरोध का सिलसिला शुरू हो गया।

भारतीय-अमेरिकी डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ‘अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन’ (एएपीआई) ने सोमवार को एक बयान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नस्ली भेदभाव और हिंसा की निंदा की।

एएपीआई के अध्यक्ष सुरेश रेड्डी ने कहा,“भारतीय मूल के अमेरिकी चिकित्सकों के रूप में, हम सर्वसम्मति से जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु और इस देश में लंबे समय से होते आ रहे नस्ली भेदभाव की निंदा करते हैं। हम जानते हैं कि ये सभी के लिए कठिन समय हैं।” एएपीआई ने अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के बयान का समर्थन किया, जिसमें कहा गया है, "पुलिस हिंसा नस्लभेद की अमेरिकी विरासत का स्पष्ठ प्रतिबिंब है। यह व्यवस्था जो मूल्य और संरचनात्मक अवसर त्वचा के रंग के आधार पर कुछ लोगो को अनुचित रूप से फायदा पहुंचाती है और दूसरों को नुकसान पहुंचाती है और मानव संसाधनों को क्षति पहुंचा कर एक समाज के रुप में हमें कमजोर करती है।” एएपीआई नैतिकता और शिकायत समिति के अध्यक्ष शंकु राव ने कहा कि अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन सहित अन्य प्रमुख स्वास्थ्य संगठनों के साथ भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर नस्लवाद और हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हैं।

जॉर्ज फ्लॉयड की दर्दनाक हत्या की निंदा करते हुए राष्ट्र भर में प्रदर्शन कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता में खड़े एएपीआई सचिव रवि कोली ने नस्लवाद और पुलिस हिंसा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।



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PTI News Agency

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