लापता अमेरिका ठेकेदार हमारे पास नहीं हैः तालिबान
punjabkesari.in Sunday, May 10, 2020 - 11:23 AM (IST)
इस्लामाबाद, 10 मई (एपी) तालिबान के नेताओं ने हक्कानी नेटवर्क समेत सब जगह तलाश करने के बाद रविवार को कहा कि उनके पास अमेरिका के पूर्व सैनिक और ठेकेदार मार्क आर फ्रेरिच्स नहीं हैं। वह जनवरी के आखिर में अफगानिस्तान से लापता हो गए थे।
तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने रविवार को एसोसिएटिड प्रेस को भेजे एक संदेश में कहा, "हमारे पास लापता अमेरिकी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। "
दूसरे तालिबानी नेता ने कहा कि तालिबान ने "आधिकारिक और गैर आधिकारिक तौर" पर अमेरिकी अधिकारियों को बताया दिया है कि फ्रेरिच्स उनके कब्जे में नहीं है।
अमेरिकी शांति दूत ज़लमय खलीलज़ाद ने कतर में इस हफ्ते हुई बैठक में फ्रेरिच्स की रिहाई की मांग की थी। कतर में तालिबान का राजनीतिक दफ्तर है।
खलीलज़ाद वही दूत हैं जिन्होंने फरवरी में तालिबान और अमेरिका के बीच हुए शांति समझौते के लिए बातचीत की थी। इसके तहत अमेरिका और नाटो देश दशकों से चल रही जंग को खत्म करने के लिए अपने सैनिक वापस बुलाएंगे।
अफगानिस्तान के काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास से शनिवार देर रात जारी एक बयान में, खलीलज़ाद ने फ्रेरिच्स का पता लगाने में पाकिस्तान की मदद मांगी है। वह शुक्रवार को कतर से इस्लामाबाद पहुंचे थे। इसके बाद अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए भारत जाएंगे। एपी नोमान नरेश नरेश 1005 1121 इस्लामाबाद
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने रविवार को एसोसिएटिड प्रेस को भेजे एक संदेश में कहा, "हमारे पास लापता अमेरिकी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। "
दूसरे तालिबानी नेता ने कहा कि तालिबान ने "आधिकारिक और गैर आधिकारिक तौर" पर अमेरिकी अधिकारियों को बताया दिया है कि फ्रेरिच्स उनके कब्जे में नहीं है।
अमेरिकी शांति दूत ज़लमय खलीलज़ाद ने कतर में इस हफ्ते हुई बैठक में फ्रेरिच्स की रिहाई की मांग की थी। कतर में तालिबान का राजनीतिक दफ्तर है।
खलीलज़ाद वही दूत हैं जिन्होंने फरवरी में तालिबान और अमेरिका के बीच हुए शांति समझौते के लिए बातचीत की थी। इसके तहत अमेरिका और नाटो देश दशकों से चल रही जंग को खत्म करने के लिए अपने सैनिक वापस बुलाएंगे।
अफगानिस्तान के काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास से शनिवार देर रात जारी एक बयान में, खलीलज़ाद ने फ्रेरिच्स का पता लगाने में पाकिस्तान की मदद मांगी है। वह शुक्रवार को कतर से इस्लामाबाद पहुंचे थे। इसके बाद अफगानिस्तान में स्थायी शांति के लिए भारत जाएंगे। एपी नोमान नरेश नरेश 1005 1121 इस्लामाबाद
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