पाकिस्तान सुरक्षित नहीं विदेशी नागरिक, खैबर पख्तूनख्वा में रूसी ट्रैवल ब्लॉगर का अपहरण
punjabkesari.in Tuesday, Oct 29, 2024 - 05:02 PM (IST)
Islamabad: पाकिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का एक और उदाहरण सामने आया है। इस्लामाबाद में रूसी दूतावास ने बताया है कि खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तानी तालिबान के हाफिज गुल बहादर गुट ने एक रूसी ट्रैवल ब्लॉगर का अपहरण किया है। आतंकवादी समूह ने 26 अक्टूबर 2024 को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने एक तस्वीर के जरिए बताया कि इस व्यक्ति को "रूसी सैनिक" के रूप में पहचान की गई है। उन्हें गजवातुल हिंद मुजाहिदीन नामक एक समूह द्वारा एक ऑपरेशन के दौरान अपहरण किया गया। यह समूह बहादर गुट का सहयोगी है और यह पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान और अफगानिस्तान के खोस्त क्षेत्र में सक्रिय है। यह गुट 2021 से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के साथ मिलकर काम कर रहा है।
पाकिस्तान में रूस के दूतावास ने मंगलवार को कहा कि वह इन खबरों का सत्यापन करने की कोशिश कर रहा है कि उसके एक नागरिक का पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम में अपहरण कर लिया गया है। दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर अपनी पोस्ट में अन्य कोई जानकारी नहीं दी। दूतावास की ओर से यह घोषणा कमांडर गुल बहादुर के नेतृत्व वाले एक छोटे आतंकवादी समूह द्वारा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में एक रूसी नागरिक को पकड़ने का दावा करने के कुछ दिन बाद की गई है। समूह ने एक तस्वीर जारी की जिसमें एक व्यक्ति को दाढ़ी वाले दो लोगों के साथ बैठे हुए देखा जा सकता है। स्थानीय पुलिस ने कहा कि रूस के दूतावास ने अपहरण की इस घटना के बारे में उनसे संपर्क नहीं किया है।
उग्रवादी अक्सर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और विदेशियों, विशेष रूप से देश भर में चीनी परियोजनाओं पर काम करने वाले चीन के लोगों पर हमला करते हैं, लेकिन पहले कभी रूस के लोगों को निशाना नहीं बनाया गया था। पाकिस्तान की यात्रा करने वाले अधिकतर रूसी नागरिक पर्वतारोही होते हैं। पाकिस्तानी सेना ने इस अपहरण के दावे को "निराधार और फर्जी" बताते हुए खारिज किया। डेरा इस्माइल खान के स्थानीय अधिकारियों ने भी जानकारी से इनकार किया। हालांकि, रूसी दूतावास के करीबी सूत्रों ने पुष्टि की है कि लापता व्यक्ति संभवतः सेंट पीटर्सबर्ग का ट्रैवल ब्लॉगर, इगोर बाबको है, जिसे ऑनलाइन वास्या शचुपल्त्से के नाम से जाना जाता है। वह 24 अक्टूबर को डेरा इस्माइल खान पहुंचा था और इसके बाद से उसका संपर्क टूट गया। उसके परिवार ने दो दिन बाद उसकी गुमशुदगी की सूचना दी। रूसी दूतावास ने 29 अक्टूबर को बताया कि वे इस मामले की रिपोर्टों की पुष्टि करने में लगे हैं।
यह घटना पाकिस्तान में बिगड़ते सुरक्षा हालात को दिखाती है, जहां अब आतंकवादी समूहों का काबू पाकिस्तानी सेना के हाथ से बाहर चला गया है। हाफिज गुल बहादर गुट, जो पहले पाकिस्तान की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था, अब स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है, जिससे नागरिकों और विदेशी नागरिकों का अपहरण और हमलों का खतरा बढ़ गया है। बहादर गुट और TTP के बीच सहयोग, सेना की असफलता को भी उजागर करता है, जिसने एक समय इन आतंकवादी नेटवर्क को स्थापित किया था।पाकिस्तानी सेना की इन आतंकवादी समूहों पर निर्भरता उलट चुकी है, जिससे हमले अब आदिवासी क्षेत्रों से निकलकर डेरा इस्माइल खान, खैबर और बलूचिस्तान जैसे बड़े जिलों में फैल गए हैं। ये आतंकी संगठन, जो अब स्वायत्त रूप से काम कर रहे हैं, न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी खतरा बन गए हैं।