कुरैशी-मीरवाइज की बातचीत पर बोला पाक- इसमें कुछ भी नया नहीं

punjabkesari.in Thursday, Jan 31, 2019 - 02:29 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक से टेलीफोन पर बातचीत को लेकर भारत की आपत्तियां खारिज की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी और कश्मीरी नेता हमेशा बातचीत करते रहे हैं और इसमें कुछ भी नया नहीं है। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को बुधवार को तलब किया था और उन्हें स्पष्ट रूप से कहा था कि कुरैशी और मीरवाइज के बीच फोन पर बातचीत भारत की एकता को नुकसान पहुंचाने तथा इसकी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने का ‘‘शर्मनाक प्रयास’’ है।  

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था कि पाकिस्तान उच्चायुक्त को चेताया गया कि पाकिस्तान के इस तरह के व्यवहार का प्रभाव होगा। मंत्रालय ने बताया कि गोखले ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा कि इस निंनदनीय कृत्य ने पाकिस्तान के अपने मानकों द्वारा भी स्थापित अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सभी नियमों का उल्लंघन किया है और कुरैशी के कदम उनके पड़ोसी देश के आंतरिक मामलों में सीधी दखलअंदाजी के समान है। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार आधी रात को एक बयान जारी करके कहा कि पाकिस्तान सरकार भारत की ‘‘आपत्तियों को स्पष्ट रूप से खारिज’’ करती है।     

बयान में कहा गया कि पाकिस्तानी नेतृत्व कश्मीरी नेतृत्व से हमेशा बातचीत करता रहा है। हम यह दोहराना चाहते हैं कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक पुराना विवाद है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के साथ साथ शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र समेत पाकिस्तान-भारत के कई दस्तावेजों में इसे स्वीकार किया गया है। इसमें कहा गया कि कश्मीर मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में है। पाकिस्तान कश्मीर के लोगों को राजनीतिक, राजनयिक और नैतिक समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है।     

बयान में इस बात को दोहराया गया है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और जम्मू कश्मीर के लोगों की इच्छानुसार कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान तक अपना समर्थन और एकजुटता बरकरार रखेगा। नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने जोर दिया कि पूरा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और रहेगा और जम्मू कश्मीर राज्य संबंधी किसी भी मामले में पाकिस्तान को हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। पाकिस्तान के उच्चायुक्त को एक बार फिर यह स्पष्ट किया गया है।


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vasudha

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