पाकिस्तान ने थामा अमेरीका का हाथ! ईरान के खिलाफ जंग को दी हरी झंड़ी

punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 03:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क : खुद को इस्लामी एकता का बड़ा समर्थक बताने वाला पाकिस्तान अब एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। इस बार वह मुस्लिम दुनिया के एक अहम देश, ईरान, के खिलाफ अमेरिका का साथ देने के लिए तैयार नजर आ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तान के सेना प्रमुख और फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के बीच वॉशिंगटन में हुई एक अहम बैठक ने इस ओर साफ संकेत दिए हैं।

ट्रंप और मुनीर की दो घंटे लंबी बैठक

व्हाइट हाउस में यह बैठक करीब दो घंटे तक चली, जबकि इसका समय सिर्फ एक घंटे तय किया गया था। इस दौरान कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा हुई। इन विषयों में शामिल थे:

  • ईरान-इजरायल संघर्ष
  • दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति
  • आतंकवाद से निपटने की रणनीति
  • अमेरिका-पाकिस्तान व्यापार सहयोग

पाकिस्तान देगा अमेरिका को एयरबेस?

बैठक की सबसे बड़ी और चौंकाने वाली बात यह रही कि पाकिस्तान ने कथित तौर पर अमेरिकी सेनाओं को अपने एयरबेस और हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है — वह भी ईरान के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के लिए। ये संकेत ऐसे समय पर सामने आए हैं जब पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर है।

ट्रंप बोले- पाकिस्तान ईरान को गहराई से जानता है

बैठक के बाद ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'पाकिस्तान ईरान को लंबे समय से समझता रहा है और वह वहां की मौजूदा स्थिति से संतुष्ट नहीं है।' उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की भूमिका इस संघर्ष में निर्णायक हो सकती है।

ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने आसिम मुनीर को इसलिए बुलाया क्योंकि अतीत में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध जैसे हालात को टालने में मुनीर की भूमिका अहम रही थी। उन्होंने कहा, 'मोदी और मुनीर – दोनों समझदार नेता हैं, जिन्होंने संकट के समय शांति को प्राथमिकता दी।'

भारत की खुफिया एजेंसियों का आकलन

भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि अमेरिका ईरान के खिलाफ एक बड़े सैन्य अभियान की योजना बना रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति और उसके एयरबेस अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं। यही कारण है कि अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में अचानक तेजी देखी जा रही है।

यह मुलाकात परंपरागत नहीं थी

यह बैठक किसी सामान्य कूटनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसे विशेष चैनलों के ज़रिए आयोजित किया गया, जिसमें रिपब्लिकन लॉबी, उद्योगपति समूहों और रणनीतिक सलाहकारों की भूमिका रही। बैठक में ISI प्रमुख और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक भी शामिल थे।

तकनीकी और व्यापारिक सहयोग पर भी चर्चा

सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, इस बैठक में भविष्य की तकनीकों पर भी बात हुई। इसमें शामिल थे:

  • क्रिप्टोकरेंसी
  • खनिज संसाधन
  • ऊर्जा सहयोग
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
  • तकनीकी साझेदारी

ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ दीर्घकालिक व्यापारिक और तकनीकी साझेदारी में दिलचस्पी जताई।

ट्रंप को मिला पाकिस्तान का निमंत्रण

बैठक के अंत में पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने डोनाल्ड ट्रंप को पाकिस्तान आने का औपचारिक निमंत्रण दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों तक सीमित नहीं, बल्कि इसका असर क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर भी पड़ेगा।


 


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Content Editor

Mehak

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