पाकिस्तान का लीबिया के साथ बड़ा रक्षा सौदा, 4 अरब डॉलर के बेचेगा हथियार...UN प्रतिबंध के बावजूद डील पर सहमति

punjabkesari.in Monday, Dec 22, 2025 - 11:43 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पाकिस्तान ने लीबिया की लीबियन नेशनल आर्मी (LNA) के साथ 4 अरब डॉलर से ज्यादा की एक बड़ी हथियार डील की है। यह जानकारी पाकिस्तान के चार वरिष्ठ अधिकारियों ने दी है। खास बात यह है कि यह सौदा ऐसे समय पर हुआ है, जब लीबिया पर संयुक्त राष्ट्र (UN) का हथियार प्रतिबंध लागू है। यह डील पाकिस्तान की अब तक की सबसे बड़ी हथियार बिक्री में से एक मानी जा रही है।

कैसे हुआ यह बड़ा सौदा?

अधिकारियों के मुताबिक, इस डील को पिछले हफ्ते अंतिम रूप दिया गया। यह सौदा तब पक्का हुआ जब पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर और लीबियन नेशनल आर्मी के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ सद्दाम खलीफा हफ्तार के बीच पूर्वी लीबिया के शहर बेंगाजी में बैठक हुई। चारों अधिकारी रक्षा मामलों से जुड़े हैं, लेकिन सौदे की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने नाम जाहिर करने से इनकार किया।

पाकिस्तान सरकार की चुप्पी

इस पूरे मामले पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और सेना की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

UN प्रतिबंध के चलते बढ़ी चिंता

लीबिया में साल 2011 में नाटो समर्थित विद्रोह के बाद पूर्व शासक मुअम्मर गद्दाफी की सत्ता खत्म हो गई थी। तब से देश दो हिस्सों में बंटा हुआ है और वहां लगातार अस्थिरता बनी हुई है। इसी वजह से लीबिया पर UN का हथियार प्रतिबंध लागू है। ऐसे में पाकिस्तान और LNA के बीच हुई यह डील अंतरराष्ट्रीय जांच के दायरे में आ सकती है।

किन हथियारों की खरीद?

रॉयटर्स द्वारा देखे गए डील के मसौदे के अनुसार, इसमें शामिल हैं:

  • 16 JF-17 लड़ाकू विमान

    • यह मल्टी-रोल फाइटर जेट पाकिस्तान और चीन ने मिलकर बनाया है

  • 12 सुपर मुशाक ट्रेनर एयरक्राफ्ट

    • इनका इस्तेमाल पायलटों की शुरुआती ट्रेनिंग के लिए होता है

एक पाकिस्तानी अधिकारी ने इस सूची की पुष्टि की, जबकि दूसरे अधिकारी ने कहा कि ये सभी हथियार डील का हिस्सा हैं, लेकिन सटीक संख्या बताने में असमर्थ रहे।

जमीन, समुद्र और हवा—तीनों के लिए हथियार

एक अधिकारी के अनुसार, यह सौदा सिर्फ लड़ाकू विमानों तक सीमित नहीं है। इसमें जमीन, समुद्र और हवा से जुड़े सैन्य उपकरण शामिल हैं। यह डील करीब ढाई साल (2.5 साल) में पूरी की जाएगी। कुल कीमत को लेकर अलग-अलग अधिकारियों ने 4 अरब डॉलर से ज्यादा और कुछ ने 4.6 अरब डॉलर बताया है।

लीबिया ने भी किया समझौते का ऐलान

LNA के आधिकारिक मीडिया चैनल ने रविवार को बताया कि पाकिस्तान के साथ हथियारों की खरीद, संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण और सैन्य निर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) को लेकर रक्षा सहयोग समझौता हुआ है। हालांकि, इसमें ज्यादा जानकारी नहीं दी गई। LNA प्रमुख खलीफा हफ्तार ने अल-हदाथ टीवी से कहा: “हम पाकिस्तान के साथ रणनीतिक सैन्य सहयोग के एक नए दौर की शुरुआत कर रहे हैं।”

लीबिया में दो सरकारें, एक देश

लीबिया में फिलहाल

  • पश्चिमी लीबिया पर UN मान्यता प्राप्त सरकार

    • प्रधानमंत्री: अब्दुलहमीद दबीबा

  • जबकि पूर्व और दक्षिणी लीबिया

    • तेल क्षेत्रों समेत

    • खलीफा हफ्तार की LNA के नियंत्रण में है

LNA पश्चिमी सरकार को मान्यता नहीं देती।

UN हथियार प्रतिबंध कितना असरदार?

लीबिया पर 2011 से UN का हथियार प्रतिबंध लागू है, जिसके तहत हथियार ट्रांसफर के लिए UN की मंजूरी जरूरी होती है। लेकिन दिसंबर 2024 की UN रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि यह प्रतिबंध “अब प्रभावी नहीं रहा है।” रिपोर्ट में बताया गया कि कई विदेशी देश खुलकर लीबिया के दोनों पक्षों को सैन्य ट्रेनिंग और मदद दे रहे हैं।

भारत से झड़पों का भी जिक्र

पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के साथ हालिया तनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा: “भारत के साथ हालिया युद्ध जैसी स्थिति में हमारी वायुसेना के प्रदर्शन ने दुनिया को हमारी सैन्य क्षमता दिखाई है।”

JF-17 को क्यों बेच रहा है पाकिस्तान?

पाकिस्तान JF-17 फाइटर जेट को कम कीमत, मल्टी-रोल क्षमता और पश्चिमी देशों से अलग सप्लाई चेन के विकल्प के तौर पर पेश करता है। इसके साथ वह ट्रेनिंग, मेंटेनेंस और तकनीकी सहयोग भी उपलब्ध कराता है।

खाड़ी देशों से भी मजबूत हो रहे रिश्ते

पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में सऊदी अरब के साथ सितंबर 2025 में रणनीतिक रक्षा समझौता और कतर के साथ उच्चस्तरीय रक्षा बातचीत की है।

नॉर्थ अफ्रीका में बढ़ेगा पाकिस्तान का असर

लीबिया के साथ यह डील नॉर्थ अफ्रीका में पाकिस्तान की मौजूदगी को और मजबूत करेगी। यह क्षेत्र पहले से ही क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच प्रभाव बढ़ाने की होड़ का केंद्र बना हुआ है, खासकर लीबिया की सुरक्षा व्यवस्था और तेल आधारित अर्थव्यवस्था को लेकर।


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Content Writer

Pardeep

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