पाक में अब सत्ता की कमान संभालेगा कोई अंजान
punjabkesari.in Sunday, Jul 01, 2018 - 04:05 PM (IST)
इस्लामाबादः पाकिस्तान में इस बार आम चुनाव के बाद राजनीति के एेसे समीकरण देखने को मिल सकते हैं जो शायद किसी ने सपने में भी न सोचे हों । इस बार पाक में सत्ता की कमान किसी नए चेहरे को मिलनी तय है क्योंकि देश की सियासत में आए भूचाल कारण एक-एक करके बड़े सियासतदानों का पत्ता साफ हो रहा है। काफी हद तक मुमकिन है कि पाकिस्तान की सत्ता के शीर्ष पर आने वाला नया चेहरा पहली बार सत्ता पर काबिज होगा। यही वजह है कि देश की सियासत में अहम किरदार निभाने वाले चेहरे इस बार चुनाव से बेदखली का दर्द महसूस कर रहे हैं। इसमें सबसे ताजा नाम पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खाकन अब्बासी का है। चुनाव न्यायाधिकरण ने उनको रावलपिंडी से भी चुनाव लड़ने से रोक दिया। उधर नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी को भी झटका लगा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के वफादार माने जाने वाले दानियाल अजीज को पांच साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया है।
नवाज शरीफ का चैप्टर बंद
इस्लामाबाद से अब्बासी का पर्चा खारिज होने के एक दिन बाद उन पर यह रोक लगाई गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ का नामांकन खारिज किया जा चुका है। नवाज शरीफ का चैप्टर पाकिस्तान की सियासत में पहले ही बंद हो चुका है। इतना ही नहीं जिन पर वह सबसे ज्यादा भरोसा करते थे वह भी इस चुनाव में खड़े नहीं हो सकते हैं। इनमें उनकी बेटी मरियम का नाम है। इसके अलावा उनकी पत्नी कुलसुम की हालत बेहद नाजुक है, लिहाजा वह भी चुनाव से बाहर हैं। इसका एक अर्थ साफ है कि अब आम चुनाव के बाद पाकिस्तान की कमान कोई अंजान चेहरा पहली बार संभालेगा। यह कौन होगा यह फिलहाल वक्त ही बताएगा।
अब्बासी का नामांकन खारिज
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता अब्बासी ने 25 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए इस्लामाबाद और रावलपिंडी से पर्चा भरा था। शुरू में निर्वाचन अधिकारियों ने इस्लामाबाद से उनका नामांकन खारिज कर दिया, लेकिन रावलपिंडी से पर्चा मंजूर कर लिया। अब्बासी ने राजधानी से अपना नामांकन खारिज किए जाने के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट के विशेष चुनाव न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया। इस बीच, रावलपिंडी से उनके खिलाफ मैदान में उतरने वाले मसूद अब्बासी ने दूसरे टिब्यूनल के सामने उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दे दी। मसूद ने पूर्व प्रधानमंत्री पर नामांकन पत्र में छेड़छाड़ करने और इस्लामाबाद के निकट अवैध रूप से वनभूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया। मसूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रहमान लोधी ने अब्बासी के खिलाफ कुछ आपत्तियों को सही माना और रावलपिंडी से भी उनका नामांकन खारिज कर दिया।गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब्बासी को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया था।
इमरान खानको हरी झंडी
इस बीच, एक अन्य न्यायाधिकरण ने इस्लामाबाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान का नामांकन स्वीकार कर लिया है। इससे पहले निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ वे टिब्यूनल गए थे। लाहौर की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने इमरान खान को मियांवाली के एनए-95 निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए योग्य करार दे दिया है। पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन के मुताबिक इमरान खान के पंजाब, खैबर पख्तुनख्वा और सिंध में नेशनल असेंबली के पांच निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने की संभावना है। खैबर पख्तून प्रात के एनए-35 बन्नू निर्वाचन क्षेत्र, जहां से इमरान खड़े हैं वहां से उन्हें एक 100 वर्षीय महिला हजरत बीबी चुनौती दे रही है। उन्होंने राष्ट्रीय और प्रांतीय असेंबली सीटों के लिए अपना नामांकन पत्र जमा करवाया है। इसके पहले भी वह एनए-35 बन्नू एरिया से पांच बार चुनाव लड़ चुकी हैं।