पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले फूटा महंगाई बम ! 400 रुपए दर्जन हुए अंडे, 250 किलो बिक रहा प्याज
punjabkesari.in Monday, Jan 15, 2024 - 12:32 PM (IST)
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इस्लामाबादः पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले एक बार फिर महंगाई बम फूटा है। पहले से ही बढ़ी कीमतों से परेशान लोग अब नई कीमतों को लेकर त्राहि-त्राहि कर उठे हैं। ARY न्यूज ने बताया कि पाकिस्तान में अंडे की कीमत लाहौर में 400 पाकिस्तानी रुपए (PKR) से अधिक प्रति दर्जन तक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार की तरफ से सरकारी दर की सूची जारी की गयी थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन द्वारा इसे सही से लागू नहीं करने के कारण यह समस्या देखने को मिल रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा निर्धारित दर 175 पीकेआर प्रति किलोग्राम के मुकाबले प्याज 230 से 250 PKR प्रति किलोग्राम के बीच बेचा जा रहा है।लाहौर में प्रति दर्जन अंडों की कीमत PKR 400 तक पहुंच गई है, जबकि चिकन वहां 615 PKR प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है। पिछले महीने, आर्थिक समन्वय समिति (ECC) ने राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति (NPMC ) को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के उपायों के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ नियमित समन्वय जारी रखने का निर्देश दिया था।
पिछले महीने वित्त, राजस्व और आर्थिक मामलों के कार्यवाहक संघीय मंत्री शमशाद अख्तर की अध्यक्षता में आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति (एनपीएमसी) को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के उपायों के लिए प्रांतीय सरकारों के साथ नियमित समन्वय जारी रखने का निर्देश दिया था, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के कंट्री निदेशक नेजी बेन्हासिन ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल अप्रभावी हो गया है और गरीबी फिर से बढ़ने लगी है। बेन्हासिन ने कहा कि पाकिस्तान में आर्थिक विकास टिकाऊ नहीं है।
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में पिछले साल नवंबर के अंत तक पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़कर 63,399 लाख करोड़ PKR हो गया है। इसमें घरेलू कर्ज में 40.956 लाख करोड़ और अंतरराष्ट्रीय कर्ज में 22.434 लाख करोड़ पीकेआर शामिल है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और कार्यवाहक सरकार के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का कुल कर्ज 12.430 लाख करोड़ PKR था। रिपोर्ट में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का आर्थिक विकास अमीर वर्ग तक ही सीमित है। इसके चलते पाकिस्तान आर्थिक संकट के मद्देनजर अपने साथी देशों से बहुत पिछड़ गया है।