पाक चुनाव में इमरान खान की जीत का तूफान, कई दिग्गज नेता ढेर

punjabkesari.in Thursday, Jul 26, 2018 - 01:52 PM (IST)

इस्लामाबादः  पूर्व क्रिकेटर इमरान खान का PM पद की कुर्सी पर बैठने का सपना अब सच होने के करीब है । पाकिस्तान में हुए आम चुनावों में शुरुआती चरण में क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान (तालिबन खान) की जीत के तूफान में कई दिग्गज नेता ढेर हो गए हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की ओर से प्रधानमंत्री पद का ख्वाब देखने वाले शहबाज शरीफ चुनाव हार गए हैं वहीं, तीसरी इस चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष बिलावल भुट्टो भी चुनाव हार चुके हैं।खैबर पख्तूनवा प्रांत से हारने के बाद शहबाज ने पाकिस्तान आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और कहा कि मतगणना में गड़बड़ी की हुई है।शहबाज ने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और हमारे पोलिंग एजेंट को बाहर निकाला गया।

PunjabKesariपंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके शहबाज ने दावा किया था कि वह पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की के बराबर ले आएंगे। उन्होंने कहा कि वह मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद तथा तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तायिप एर्दोआन से मिल कर 'उनसे सीखेंगे और पाकिस्तान को फिर से एक महान देश बनाएंगे  लेकिन इस हार के बाद उनकी सारी उम्मीदें धरी रह गईं। शहबाज शरीफ जून 2013 से जून 2018 तक पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे।  उन्हें मार्च में पीएमएल-एन का अध्यक्ष चुना गया था। इससे पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनके बड़े भाई नवाज शरीफ पार्टी अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य करार दिए गए थे। इसके बाद शहबाज को पार्टी ने पीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया था। उल्लेखनीय है कि नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम को भ्रष्टाचार के मामले में एक अदालत ने क्रमश: 10 और 7 साल की सजा सुनाई है।

PunjabKesariपूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे और जुल्फिकार अली भुट्टो के पोते बिलावल भुट्टो भी चुनाव हार गए हैं। हालांकि, उनकी पार्टी पीपीपी (पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी) चुनावी समर में तीसरी सबसे बड़े पार्टी के रूप में उभर कर आई है। इस बीच पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने भी मतों की गणना की प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है और आरोप लगाया है कि उनकी पार्टी के एजेंटों को कई निवार्चन क्षेत्रों के मतदान केंद्रों से बाहर किया गया। PunjabKesari
एक जमाने में पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में 'मुहाजिर' नेता अल्‍ताफ हुसैन की पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्‍यूएम) का इस हद तक कब्‍जा था कि नगर निगम के वार्ड मेंबर से लेकर नेशनल असेंबली के चुनावों तक ये पार्टी ही एकमात्र वास्‍तविक ताक‍त होती थी । लेकिन इस बार के आम चुनाव में ऐसा नहीं हुआ।कराची की नेशनल असेंबली की सीटों पर आए शुरुआती रूझानों के मुताबिक मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्‍यूएम) के कराची का किला ढह गया हैं। कराची, एमक्यूएम का 1980 के दशक के अंतिम सालों से गढ़ रहा है। यह पार्टी कराची उर्दू भाषी अवाम (इनको मोहाजिर कहा जाता है) की नुमांइदगी करने का दावा करती है।अभी तक शहर की 21 सीटों पर आए रुझानों में से पार्टी सिर्फ छह पर ही आगे चल रही है।

 


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Tanuja

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