खगोलविदों को प्राचीन तारे में मिला ऑक्सीजन का भंडार

Friday, Jan 24, 2020 - 09:05 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलविदों के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है। उन्होने एक सबसे पुराने और कमजोर माने जाने वाले तारे में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन होने का पता लगाया है। यह एक ऐसी खोज है, जो ब्रह्मांड में जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण यौगिकों के गठन का पता लगाती है। साथ ही इससे अंतरिक्ष के अन्य खगोलीय पिंडों पर जीवन की संभावनाओं को और बल मिला है। एस्ट्रोफिजिकल लेटर्स नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने जे0815 प्लस 4729 नामक एक प्राचीन तारे की रासायनिक बनावट का विश्लेषण किया और यह पता लगाया कि ब्रह्मांड में फ‌र्स्ट जनरेशन के तारों यानी शुरुआती दौर के तारों में ऑक्सीजन और अन्य महत्वपूर्ण तत्वों का निर्माण कैसे होता है।

 

शोधकर्ताओं में शामिल ब्रिटेन की कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने कहा, 'जे0815 प्लस 4729 नामक तारा अपने नक्षत्र मंडल 'लिंक्स' से लगभग 5000 प्रकाशवर्ष दूर स्थिति है यानी इस तारकीय स्त्रोत से पृथ्वी तक प्रकाश पहुंचने में पांच हजार साल लग जाएंगे।' अमेरिका की डब्ल्यू. एम. कीक वेधशाला के वैज्ञानिक और इस अध्ययन के सह-लेखक जॉन ओ मारिया ने कहा, 'यह परिणाम बहुत ही रोमांचक है। यह हमारे ब्रह्मांडीय बैक यार्ड में मौजूद तारों का उपयोग करके ब्रह्मांड के सबसे शुरुआती समय के बारे में बताता है।' उन्होंने कहा कि 'जे0815 प्लस 4729' में ऑक्सीजन मिलने का मतलब है कि अन्य तारों में भी जीवन संभव हो सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, हाइड्रोजन और हीलियम के बाद ब्रह्मांड में ऑक्सीजन तीसरा सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है, और पृथ्वी पर जीवन के सभी रूपों के लिए आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने कहा, यह तत्व प्रारंभिक ब्रह्मांड में मौजूद नहीं था। इनका निर्माण बड़े पैमाने पर तारों के अंदर न्यूक्लियर रिएक्शन होने पर अल्ट्राहाई एनर्जी के उत्सजर्न के माध्यम से हुआ, जिनका द्रव्यमान सूर्य की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक है। 
 

Ashish panwar

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