US वैज्ञानिकों की चेतावनीः कोरोना वैक्सीन की सिर्फ एक डोज से बचना मुश्किल
Monday, Aug 31, 2020 - 02:59 PM (IST)
वॉशिंगटनः कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर अमेरिका के वैज्ञानिकों ने नया दावा कर दुनिया को चौंका दिया है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन की सिर्फ एक डोज काफी नहीं होगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को वायरस से बचने के लिए 2 डोज की जरूरत पड़ सकती है और यही सबसे बड़ी चुनौती है। वैंडरबिल्ट विश्वविद्यालय की हेल्थ पॉलिसी प्रोफेसर डॉ केली मूर ने कहा, इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आएगा। यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन प्रोग्राम होगा। इसे पूरा करने में बहुत मेहनत करनी पड़ेगी।
बता दें कि अमेरिका में कोरोना की वैक्सीन को बाजार तक लाने के लिए 'ऑपरेशन वार्प स्पीड' चल रहा है। इसके तहत छह फार्मास्यूटिकल कंपनियों को रुपये दिए गए हैं। इनमें से दो कंपनी मॉडर्ना और फाइजर हैं, जिनके वैक्सीन फेज-3 ट्रायल पर है। दोनों कंपनी 30 हजार वॉलंटियरों को वैक्सीन की दो डोज दे रही हैं। मॉडर्ना 28 दिन के बाद तो फाइजर 21 दिन के बाद दूसरी डोज देगी। एस्ट्रेजेनेका इस महीने फेज-3 ट्रायल को शुरू कर सकती है। इसके फेज-1 और फेज-2 ट्रायल के दौरान दो डोज 28 दिनों के दौरान दी गई।
नोवावैक्स को अभी फेज-3 ट्रायल को शुरू करना है, लेकिन इसने पहले ट्रायल्स में वॉलंटियरों को वैक्सीन की दो डोज दी थी। जॉनसन एंड जॉनसन के फेज-3 ट्रायल में कुछ लोगों को एक डोज दिया जाएगा और वहीं कुछ को वैक्सीन की दो डोज दी जाएगी। दूसरी तरफ, सानोफी ने अभी तक इस बात की घोषणा नहीं की है कि वह वॉलंटियरों को वैक्सीन की एक डोज देगा या दो डोज। गौरतलब है कि वर्तमान में दुनियाभर में टेस्टिंग किट, पीपीई किट और दूसरी जरूरी चीजों की कमी है। ऊपर से दो बार वैक्सीनेशन का प्रोग्राम चलाना दुनियाभर के देशों के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभरेगा।